वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान के करीब पहुंच गया और दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा एवं उसकी सहायक नदी वरुणा के निचले इलाके कोनिया एवं उसके आसपास समेत कई क्षेत्रों की कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया है तथा हजारों लोग उसकी चपेट में आ गए हैं। जिला प्रशासन ने पानी भरने के बाद निचले इलाके में रहने वालों लोगों को अपने मकान खाली कर सुरक्षित स्थानों एवं राहत शिविरों में आने की अपील की है। केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों ने बताया कि सोवार रात आठ बजे वाराणसी में गंगा का जल स्तर 70.80 दर्ज किया गया जो खतरे के निशान के बेहद करीब है।
वाराणसी में खतरे की चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है। उन्होंने बताया कि रविवार को ही जलस्तर में खतरे की चेतावरी ंिबदु को पार कर गया था। उसके बाद जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार को प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है। बढ़ोत्तरी की यही रफ्तार रही तो मंगलवार को जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा। जिला प्रशासन ने गंगा के जलस्तर की चेतावनी बिंदु पार करने और उसमें लगातर बढ़ोत्तर के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकारण : 0542-2508077, टोल फ्री नंबर : 1077, चिकित्सा विभाग : 0542-2311211, नोडल अधिकारी संक्रमण विभाग : 9918901467, पशु चिकित्सा नियंत्रण कक्ष : 7839001640 आदि नंबरों पर कॉल कर मदद ली जा सकती है।
उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकठ तिवारी ने अधिकारियों के साथ बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्य तेज करने का निर्देश संबंधित विभागों के प्रमुखों को दिया है। इससे पहले सिंह ने संबंधित विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक एवं प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के बाद अधिकारियों को सतर्कता से निगरानी करने तथा प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिये हैं।