अमृतसर। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने केंद्र सरकार द्वारा आतंकवादियों की काली सूची में से 312 के नाम हटाने पर गहरी आपत्ति जताते हुये इसे देश की शांति के लिये खतरा बताया है। महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गगन भाटिया और पंजाब प्रदेशाध्यक्ष शिव कुमार प्रेम और सचिव राजंिवदर राजा ने आज यहां एक संयुक्त बयान में केंद्र सरकार के इस फैसले को देश और पंजाब के भविष्य के लिए खतरनाक बताया और इसकी समीक्षा करने तथा हटाये आतंकवादियों के नाम पुन: सूची में शामिल करने की मांग की। इन्होंने कहा कि पंजाब में 1984 में आतंकवाद और खालिस्तानी दहशतगर्दी में शामिल रहे आतंकवादी और उनके समर्थक विदेश भाग गये।
इन लोगों के नाम केंद्र सरकार ने काली सूची में शामिल कर विभिन्न देशों में स्थित अपने दूतावासों को भेज दिया था। आज भी इनमें से अनेक लोग देश तोड़ने की साजिशों में लगे हुए है। विदेशों में बैठ कर खालिस्तान और रिफ्रेंडम 2020 का प्रचार कर रहे है। यहां तक कि वे देश में खालिस्तानी समर्थकों और आतंकियों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप में समर्थन भी दे रहे हैं। ऐसे में काली सूची से अगर इनमें से अनेक आतंकवादियों और उनके समर्थकों का नाम हटा दिया जाता है और इन्हें स्वदेश आने जाने की छूट दी जाती है तो ये लोग पंजाब में पुन: शांति भंग कर सकते हैं।
हिंदू नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से काली सूची में दर्ज 312 लोगों के नाम हटाना देश के भाविष्य के लिए खतरा है। सरकार को देश की शांति कायम रखने तथा पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद के दौरान मारे गए निर्दोषों के परिवारों और उनके भविष्य को सर्वोपरि रखते हुए काली सूची से हटाए गए नामों पर पुनर्विचार करना चाहिए। इन्होंने कहा कि इससे पहले भी सरकार 247 नाम काली सूची से हटा चुकी है।