उमरिया। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी ने उमरिया जिले के संपूर्ण भोगौलिक सीमा अंतर्गत किसी भी बच्चें को गर्म लोहे की सलाख से दागने एवं किसी भी व्यक्ति द्वारा बच्चो को दागने के लिए प्रोत्साहित नही करने के आदेश जारी किए है। जिले में बच्चो को दागने की प्रक्रिया पूर्णत: प्रतिबंधित करने हेतु जिला दण्डाधिकारी द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा आदेश जारी किए है। जो तत्काल प्रभाव से 22 अगस्त से प्रभावशील हो गया है। उमरिया जिले की भौगोलिक सीमा अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थल, आवासीय परिसर में बच्चों को गर्म सलाख से दागने की इस कुप्रथा को प्रेरित या प्रोत्साहित या दागने की कार्यवाही नही करेगा।
उमरिया जिले की संपूर्ण भौगोलिक की परिधि में इस आदेश के उल्लंघन की दशा में परिसर के स्वामी और प्रबंधक के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले में यह बात संज्ञान मे आई है कि कुछ स्थानों पर कुपोषित , कम वजन वाले तथा अन्य बीमारियो से ग्रसित बच्चों का चिकित्सालयों में प्राथमिक उपचार कराने के बजाय चिकित्सा शास्त्र से पूर्णत: अनभिज्ञ एवं गैर पेशेवर घर की बुजुर्ग महिलाओ द्वारा बच्चों को गर्म लोहे की सलाख से दागने की प्रथा प्रचलित है। जिससे बच्चों को शारीरिक यातना का सामना करना पडता है साथ ही बच्चो मे संक्रमण फैलने की अशंका भी बनी रहती है। उपचार के अभाव में बच्चे असमय ही काल के गाल में समा जाते है। जिले में गत वर्ष मानपुर जनपद पंचायत में 257 , पाली जनपद पंचायत में 130, करकेली जनपद पंचायत में 175 कुल 562 नवजात बच्चों को लोहे की सलाखो से दागने की जानकारी शासकीय दस्तावेजो से संज्ञान मे आई थी।