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चंबल की बाढ़ को लेकर इटावा जिला प्रशासन सतर्क

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 17 2019 7:20PM | Updated Date: Aug 17 2019 7:20PM
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इटावा। चंबल नदी में बाढ़ के हालात देखते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा का जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 11 चौकियों के जरिये ग्राम लेखपाल और अमीन नजर रख रहे हैं। चंबल की बाढ़ से क्षेत्र के नौ गांव प्रभावित होने की संभावना जाहिर की गई है। प्रभावित गांव के ग्रामीणों के लिए राशन की भी अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा तथा एसडीएम सदर के अलावा एसडीएम चकरनगर इंद्रजीत सिंह ने शनिवार को चकरनगर क्षेत्र के सहसों चंबल नदी पुल से बाढ के हालात का जायजा लिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने एसडीम चकरनगर को बाढ़ के हालात पर निरंतर नजर बनाए रखने तथा बाढ़ प्रभावित चौकियों पर तैनात ग्राम लेखपाल और अमीनों से रिपोर्ट लेने का आदेश दिया।

सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में डीलरों को अतिरिक्त गल्ला रखने का आदेश दिया गया है। यदि कोई गांव बाढ़ से प्रभावित होता है, तो उस गांव के ग्रामीणों को तत्काल प्रभाव से राशन मुहैया कराया जाएगा। इस पर हमारी पूरी नजर बनी हुई है। फिलहाल अभी तक कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं हुआ है । क्षेत्र के नौ गांव में बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना है। बाढ को देखते हुए प्राथमिक इमलिया, प्राथमिक भरेह, प्राथमिक गढाकास्दा, प्राथमिक कचहरी, प्राथमिक अनैठा, प्राथमिक बंसरी, प्राथमिक बिडौरी, पूर्व माध्यमिक सिन्डौस, प्राथमिक विण्डवा खुर्द, प्राथमिक मर्दानपुर को बाढ नियंत्रण चौकी नियुक्त किया गया है।

बंसरी, कतरौली, अचरौली, पथर्रा, सलोखरा, बिहार, चकरपुरा, महुआ सूडा और इमलिया गांव बाढ से प्रभावित होनी की आशंका है। बाढ़ के पानी से नदी किनारे बसे करीब आधा सैकडा गांव के ग्रामीणों की कछार की भूमि में खडी बाजरा, अरहर और तिली की फसल जलमग्न हो गयी। बीहड क्षेत्र का किसान पिछले एक महीने से अपने खेत पर झोपड़ी डालकर जंगली जानवर और छुट्टा मवेशी से दिन-रात पहरेदारी करके फसल बचाए बैठा था, लेकिन कांटो के बीच से भी निकल कर बाढ़ का पानी किसान के नशीब पर टूट पड़ा जिसका किसान के पास बचाव का कोई उपाय ही नहीं था।

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