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राहुल स्पष्ट करें कि कर्नाटक में बहुमत खोने के बावजूद सदन क्यों चलवा रहे हैं: श्रीकांत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2019 1:45AM | Updated Date: Jul 22 2019 1:45AM
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मथुरा। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि बहुमत खोने के बावजूद वे स्पीकर से कर्नाटक में सदन क्यों चलवा रहे हैं। सिंह ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कर्नाटक प्रकरण पर बातचीत करते हुए कहा कि राहुल ने आरोप लगाया था कि देश के संवैधानिक पदों पर बैठे लोग दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब उन्हें यह बताना चाहिए कि कर्नाटक के सदन में मतविभाजन न कराने के लिए वे वहां के स्पीकर पर क्यों दबाव बनाए हुए हैं। उनसे जब यह पूछा गया कि विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निर्वाचित सरकारों को ’’येन केन प्रकारेण’’ गिरा रही है तो उनका जवाब था कि कर्नाटक की ’’किचकिच’’ के लिए राहुल गांधी स्वयं जिम्मेदार हैं।

जिन्होंने जनादेश न मिलने के बावजूद वहां जद (एस) से मिलकर बनाई जब कि कांग्रेसजन यहां तक स्वयं उनके पूर्व मुख्यमंत्री भी इसके खिलाफ थे। उनकी हठधर्मिता के कारण ही कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं इसलिए कांग्रेस  को भाजपा पर आरोप लगाने की जगह अपने घर को संभालना चाहिए और बेबुनियादी आरोपों को नहीं लगाना चाहिए। सोनभद्र में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को वहां हुए सोनभद्र जाने से रोकने और फिर पीड़ितों से मिलाने की जिंद के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां प्रियंका की यात्रा कांग्रेस की खोई जमीन को वापस लाने की दिशा में उठाया गया कदम था ,वहीं सरकार की प्राथमिकता वहां के वातावरण को सामान्य करना, घायलों की चिकित्सा एवं पीड़ितों को सुरक्षा देकर उनमें आत्मविश्वास पैदा करना है।

स्वयं मुख्यमंत्री योगी आज इसी सब के कारण सोनभद्र गये थे।  उन्होंने राहुल गांधी के उस आरोप को ’’बचकाना’’ और ’’बेबुनियादपूर्ण’’ बताया जिसमें उन्होंने फेसबुक के माध्यम से कहा बताते हैं कि प्रियंका को गेस्टहाउस में  कैद रखना तानाशाही है। उनका कहना था कि प्रियंका को पहले से ही इजाजत लेकर सोनभद्र में जाना चाहिए था। प्रियंका और राहुल के आरोप निराधार हैं। श्रीकांत ने सोनभद्र की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अब तक वहां 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए वहां तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी गई है तथा एडीएम, सीओ और थानाध्यक्ष को निलंबित किया जा चुका है।

सरकार संवेदनशील है और जो दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वे खुद भी वहां जाना चाहते थे लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार के निर्देशों का वहां पालन हो और जल्द से जल्द वहां का वातावरण सामान्य हो। हकीकत यह है कि कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन पाने के लिए इस संवेदनशील मुद्दे को भी भुनाना चाहती है तथा उसकी वहां के वातावरण को सामान्य करने की दिलचस्पी नही है। बिजली मंत्री शर्मा ने बसपा अध्यक्ष मायावती के भाई की सम्पत्ति जब्त किए जाने के बाद उनके ’’बहुत हरिश्चन्द्र बनते हैं और भाजपाइयों की जांच करा लें’’ के बयान पर कहा कि  दलितों के नाम पर दौलत बटोरने वाली मायावती आज परेशान इसलिए हैं कि उनका चेहरा अब बेनकाब हो रहा है। हकीकत यह है कि भाजपा के तो राज्य और केन्द्र सरकार के मंत्री सरकारें बनने के बाद पहले ही अपनी  सम्पत्ति का ब्योरा प्रधानमंत्री कार्यालय में और पार्टी अध्यक्ष को दे रखा है। चूकि उनके काले कारनामें अब उजागर हो रहे हैं इसलिए तनाव में मायावती इस प्रकार के बयान दे रही हैं। भाजपा पर जो उन्होंने आरोप लगाया है तो उनकी पार्टी में  तो चन्दे के एक एक पैसे का विधिवत हिसाब दिया जाता है। 

 
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