लखनऊ। सोनभद्र हिंसा को लेकर अपना राजनीतिक हित साध रही कांग्रेस के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) ने हिंसा प्रभावित जिले में कूच का फैसला लिया है। जिले में निषेधाज्ञा का हवाला देते हुये शुक्रवार को सपा के प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था जिसके विरोध में मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र जिलों से हजारों सपा कार्यकर्ता 23 जुलाई को घोरावल के लिये कूच करेंगे। इनमें बड़ी तादाद में गोंड समाज एवं अन्य आदिवासी शामिल होंगे। पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने शनिवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सोनभद्र की ग्रामसभा मूर्तिया (उम्भा) गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार के विरोध और उसके पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पार्टी सोनभद्र कूच करेगी।
उन्होने कहा कि पार्टी ने पहले ही उम्भा गांव के नरसंहार में मृत व्यक्तियों के परिवारीजनों को 20-20 लाख रूपये का मुआवजा देने और जो वर्षों से काबिज रहकर खेती कर रहे हैं उनके नाम जमीन का पट्टा करने की भी मांग की थी पर अब तक भाजपा की राज्य सरकार ने इस सम्बंध में कोई कार्यवाही नहीं की। गौरतलब है कि 17 जुलाई को भूमाफियाओं ने जनपद सोनभद्र में थाना घोरावल के ग्राम उम्भा में 112 बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर दस लोगों की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी थी और कई लोगों को घायल कर दिया।
यादव ने इस हत्याकाण्ड की निंदा करते हुए कहा कि ग्राम प्रधान और प्रशासन की मिली भगत से आदिवासियों को, जो वर्षों से वहां खेती कर रहे थे, बेदखल करने के लिए यह जघन्य अपराध हुआ है। उन्होने कहा कि 19 जुलाई को प्रशासन ने पीड़ित परिवारों से मिलने गए पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल को भी गांव की सीमा पर ही रोक दिया था। भाजपा सरकार का विपक्ष के प्रति विद्वेषपूर्ण कृत्य पूर्णतया अलोकतांत्रिक तथा तानाशाही का है। जिला प्रशासन द्वारा भाजपा सरकार के इशारे पर पीड़ितों का ही उत्पीड़न किया जा रहा है। गांव की चारों तरफ पुलिस नाकेबंदी की गई है। धारा 144 का दुरूपयोग किया जा रहा है।