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हवाई यात्रियों की जेब पर बोझ बढा रही है सरकार : कांग्रेस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 16 2019 4:54PM | Updated Date: Jul 16 2019 4:54PM
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि सरकार भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण अधिनियम 2008 में संशोधन कर यात्रियों की जेब पर परोक्ष रूप से बोझ बढा रही है। कांग्रेस के विवेक तन्खा ने मंगलवार को राज्यसभा में भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विमानन कंपनियों को हवाई अड्डों की नीलामी 20 या 25 साल के लिए की जाती है और इस नीलामी में विभिन्न शुल्क भी शामिल होते हैं इससे यात्रियों की जेब पर बोझ बढेगा।
 
ये शुल्क नीलामी के दौरान ही तय किये जाने से से भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (ऐरा) का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। उन्होंने कहा कि यह संशोधन विधेयक के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं करता और कुछ मामलों में विरोधाभासी है। इससे पहले केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2019 चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि हवाई अड्डों पर यात्रियों की निरंतर बढती संख्या के कारण 2008 में ऐरा का गठन किया गया था और यह उन हवाई अड्डों के शुल्क तय कर रहा था जिनकी यात्री क्षमता 15 लाख सालाना थी।
 
अब कई प्रमुख हवाई अड्डों की यात्री क्षमता दोगुना हो गयी है और इसलिए 2008 के संबंधित विधेयक में सीमित संशोधन करना पड़ रहा है। अब  (ऐरा) उन सभी हवाई अड्डों के शुल्क तय करेगा जिनकी यात्री क्षमता 35 लाख  होगी।  ऐरा हवाई अड्डे पर विभिन्न सेवाओं पर नियंत्रण भी रखता है और उनकी  निगरानी का काम करता है। ये शुल्क हवाई अड्डों की विमान कंपनियों को नीलामी के समय ही तय किये जाते हैं।      
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