नई दिल्ली। जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावट ने देश में जलसंकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि वर्षा जल के संचय के लिए लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर पहल करने की जरुरत है। शेखावट ने देश में पेयजल की आपूर्ति सहित जलसंकट से संबंधित चुनौतियों पर अल्पकालिक चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि भूगर्भ में जितना वर्षा जल जाता है, उससे अधिक का दोहन किया जा सकता है जिससे यह संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। देश में वर्षा से 4000 बीसीएम जल प्राप्त होता है जिसमें से 1137 बीसीएम का उपयोग हो पाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जितना पानी उपलब्ध है, उसका चार प्रतिशत ही भारत में है जबकि आबादी 18 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि 1951 में प्रति व्यक्ति 5197 घन मीटर पानी उपलब्ध था जो अब घटकर 1545 घन मीटर हो गया है। पिछले वर्ष नौ प्रतिशत कम वर्षा हुई थी और इस वर्ष मानसून 15 दिनों की देर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में जो पानी उपलबध है, उसमें से 80 प्रतिशत का उपयोग कृषि में, 15 प्रतिशत का उपयोग उद्योग में और पांच प्रतिशत पेयजल के रुप इस्तेमाल होता है। शेखावट ने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान में वर्षा जल के संचय के लिए बहुत बेहतर कार्य किया गया है, जिसे अ्रन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए। उन्होने कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ मं भू जल का स्तर तेजी से गिरा रहा है जो चिंता जनक है। संपादक कृपया शेष पूर्व प्रेषित से जोड लें।