नई दिल्ली। वायु सेना ने कहा है कि दो सप्ताह पहले अरूणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुए उसके परिवहन विमान ए एन-32 में सवार वायुसैनिकों के पार्थिव शरीरों को बेहद दुर्गम दुर्घटनास्थल से निकालने के अभियान में खराब मौसम के कारण बाधा आ रही है लेकिन इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इस विमान ने गत 3 जून को असम के जोरहाट से अरूणाचल प्रदेश के मेचुका के लिए उडान भरी थी लेकिन यह बीच में ही दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में 13 वायु सैनिक सवार थे और बचाव दल को गत 11 जून को विमान के मलबे का पता चला था। वायु सेना के अनुसार इसके बाद से ही दुर्घटनास्थल से वायुसैनिकों के पार्थिव शरीरों को निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
वायु सेना, सेना और स्थानीय पर्वतारोहियों के 15 सदस्यीय दल को अगले ही दिन दुर्घटनास्थल पर उतार दिया गया। बाद में तीन पर्वतारोहियों को भी वहां उतारा गया। वायु सेना ने कहा है कि उसके एमआई-17 हेलिकॉप्टर सहित , चीता और ध्रुव हेलिकॉप्टर पिछले तीन दिनों में खराब मौसम और घने बादलों के कारण दुर्घटनास्थल तक नहीं पहुंच सके हैं। इस अभियान के लिए पहाड़ की खड़ी और ढलवां सतह दिखाई देना जरूरी है। वायु सेना राज्य प्रशासन के साथ हर स्तर पर समन्व्य कर रही है। वायु सेना के गरूड़ कमांडो, सेना के विशेष दस्ते, कुलियों और शिकारियों का एक जमीनी दस्ता दुर्घटनास्थल की ओर पैदल जा रहा है और इनके बुधवार को वहां पहुंचने की संभावना है। वायु सेना अपने जांबाजों के पार्थिव शरीरों को निकालने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। सेना और अरूणाचल प्रदेश प्रशासन भी इस अभियान में पूरा समर्थन दे रही है।