नई दिल्ली। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) को सोमवार को एकल युक्त प्लास्टिक से पूरीतरह मुक्त होने की घोषणा की गयी। जीएमआर नीत दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने सोमवार को इस आशय की घोषणा की। इस अवसर पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)-आईटीसी सतत विकास उत्कृष्ट केंद्र (सीईएसडी) ने डायल को हवाई अड्डे को स्वैच्छिक ढंग से प्लास्टिक मुक्त करने के अभियान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मान्यता भी प्रदान की।
वर्ष 2019 में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराने’ के संकल्प के साथ आईजीआईए परिसर को एकल युक्त प्लास्टिक मुक्त बनाने का अभियान शुरू कर इसे पूरा करने वाला देश का पहला हवाई अड्डा भी बन गया है। सुपामैन जिसमें सुपा का मतलब एकल युक्त प्लास्टिक मुक्त हवाई अड्डा है। सुपामैन अभियान के दौरान 45 विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक उत्पादों के प्रयोग पर रोक लगा दी गई है तथा इनके स्थान पर हवाई अड्डे पर पर्यावरण हितैषी विकल्पों का इस्तेमाल शुरू हुआ।
इस दौरान यात्रियों एवं विमान चालक दल के सदस्यों समेत सभी पक्षों के बीच जागरूकता अभियान शुरू किया गया। पर्यावरण हितैषी विकल्पों का इस्तेमाल के कारण आईजीआईए परिसर में आश्चर्यजनक रूप से प्लास्टिक अपशिष्ट कचरों में कमी आयी है। इसके अलावा, डायल ने कचरे के प्रभावी संग्रह और पृथक्करण के लिए मौजूदा दो कचरे पात्र प्रणाली के अतिरिक्त टर्मिनल इमारतों में प्रमुख स्थानों पर ‘चार बिन’ प्रणाली स्थापित की। इन अलग-अलग चार डिब्बों को कागज, प्लास्टिक, कांच और धातु तथा खाद्य अपशिष्ट को इकट्ठा करने के लिए रखा गया है तथा इन्हें बाद में बायोडिग्रेडेबल और रिसाइकिल योग्य कचरे के रूप में अलग-अलग किया जाता है।