हमीरपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने आगनवाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी विद्यालय का स्वरुप देकर नन्हे मुन्नों के एनसीआरटी की तर्ज पर शिक्षा देने का फैसला किया है। बाल विकास परियोजना के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरजीत सिंह ने मंगलवार को बताया कि अब तक आंगनवाड़ी केंद्रों में मासूमों को केवल प्रारम्भिक शिक्षा दी जाती थी जिसके बाद बच्चों को प्राइमरी विद्यालय में भर्ती कराकर आगे की शिक्षा दी जाती थी लेकिन सरकार ने आगनवाडी केंद्रों को पोषण केंद्र मानते हुये तीन साल से पांच साल के बच्चों को एनसीआरटी प्रणाली से शिक्षा देकर मानसिक स्वरुप को विकसित करने का संकल्प लिया है।
जिले में संचालित 1500 आंगनवाडी केंद्रों में से फिलहाल 300 केंद्रों में यह प्रणाली लागू की जायेगी। जिले में सात ब्लाक है जिसमें बराबर केंद्र लिये जायेगे और 35 लाख रुपये से कुर्सिया और पुस्तकें खरीदी जायेगी। डीपीओ ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में पहले से ही हाट कुक्ड बनवाया जा रहा है। बच्चों को वही भोजन दिया जायेगा। इसके लिये चार माह पहले ही बजट आ गया था। केजी मे पहली साल बच्चों को पढ़ाने के बाद उसे अगली कक्षा में प्रवेश दिलाया जायेगा।