शिमला। हिमाचल प्रदेश में हिमपात तथा बारिश के कारण चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 255 सड़कें अवरूद्ध हो गयी हैं जिससे यातायात की समस्या बढ़ गयी है। बर्फबारी से ठंड का कहर बढ़ गया है। पूरा प्रदेश प्रचंड शीतलहर की चपेट में है। पांच जिलों का पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। जनजातीय जिलों में तापमान के शून्य से काफी नीचे चले जाने के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक रविवार को चार नेशनल हाईवे तथा 255 सड़कें अवरूद्व रहीं। इनमें शिमला जोन की 134 सड़कें अवरूद्व हैं। इस जोन के तहत रोहड़ू सर्कल की 62, रामपुर सर्कल की 40 तथा शिमला सर्कल की 28 सड़कें बर्फबारी की वजह से बंद हैं।
इसी तरह कांगड़ा जोन की 78 सड़कें बाधित हैं, जिनमें अकेले डल्हौजी सर्कल की 75 सड़कें शामिल हैं। इसके अलावा मंडी जोन की 43 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। सड़कों को बहाल करने के लिए विभान ने 205 मशीनरी तैनात कर रखी है। अहम बात यह है कि बर्फबारी से तीन दिन में लोनिवि को 32 करोड़ का नुकसान हो चुका है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, शिमला, कुल्लू और चंबा जिलों में रविवार को न्यूनतम तापमान शून्य से कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने आगामी 19 दिसम्बर से मौसम के फिर खराब होने की संभावना जताई है। लाहौल-स्पीति का मुख्यालय केलंग सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से कम 12.2 डिग्री सेल्सियस ,किन्नौर के कल्पा का शून्य से कम चार डिग्री, कुफरी शून्य से कम दो डिग्री,
मनाली शून्य से कम दो डिग्री और चंबा के डल्हौजी में शून्य से कम 0.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह शिमला में तापमान 0.9 डिग्री, धर्मशाला में 1.8 डिग्री, चंबा व पालमपुर में 2 डिग्री, भुतंर में 3.9 डिग्री, सोलन में 4 डिग्री, कांगड़ा व सुंदरनगर में 4.6 डिग्री, मंडी में 5.8 डिग्री, हमीरपुर में 7.2 डिग्री, बिलासपुर में 7.5 डिग्री, उना में 7.7 डिग्री और नाहन में 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले चौबीस घंटों के दौरान खदराला में पांच सेंटीमीटर बर्फबारी तथा कोटखाई में दस मिलीमीटर बारिश हुई है। मौसम विभाग ने 19 दिसंबर से फिर बारिश व बर्फबारी का दौर शुरू होने की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि आगामी तीन दिन पूरे प्रदेश में मौसम शूष्क बना रहेगा। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने पर 19 दिसंबर को मौसम के तेवर फिर बदलेंगे और 21 दिसम्बर तक मैदानी इलाकों में गरज के साथ बारिश तथा मध्यवर्ती व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात का अनुमान है।