लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती है और प्रदेश सरकार इसके के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक रेंज स्तर पर एक फॉरेन्सिक लैब तथा साइबर थाने की स्थापना करने जा रही है। ऐसे अपराधों की विवेचना एवं अभियोजन के लिए अपने पुलिस तंत्र एवं अभियोजकों को साइबर अपराधों के क्षेत्र में दक्ष बनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इसके दृष्टिगत प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फॉरेन्सिक विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि सुशासन की ठोस नींव कानून के राज पर ही स्थापित होती है और जब अपराधी के मन में कानून का भय होगा तब अपराध अपने आप ही कम होगा। प्रत्येक कानून अपने आप में परिपूर्ण है, आवश्यकता है कानून को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जाए।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां साइबर क्राइम विवेचना और महिला एवं बालकों के विरुद्ध अपराध पर प्रदेश के अभियोजकों एवं विवेचकों की राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा दिलाने में विवेचकों और अभियोजकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस दृष्टि से यह कार्यशाला अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं और बालकों के खिलाफ होने वाले अपराधों और साइबर क्राइम से जुड़े सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा कर कार्ययोजना बनायी जाए। इस अवसर पर योगी ने पत्रिका ‘अभियोजन दिग्दर्शिका’ के प्रथम अंक का विमोचन किया। उन्होंने ने कहा कि जिले स्तर पर आपसी तालमेल से मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। विभागों के आपसी समन्वय से ही अपराधियों को समय पर सजा दिलायी जा सकती है। जिला न्यायाधीश के साथ जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को बैठक कर अपराध को कम करने की रणनीति बनानी चाहिए, जिससे अपराध कम हो व पीड़ित को समय से न्याय दिलाया जा सके।