नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित एक विधेयक को लटकाने का आरोप लगाते हुए आज राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया तथा सदन से बहिर्गमन किया। शून्यकाल समाप्त होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा तृणमूल कांग्रेस के सदस्य पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को वापस बुलाओ के नारे लगाते हुए आसन के निकट आ गये। सभापति ने सदस्यों से अपनी जगहों पर लौटने तथा प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। तृणमूल कांग्रेस के सदन में नेता डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यपाल की भूमिका पर अपनी बात रखने देने को कहा लेकिन सभापति ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
तृणमूल सदस्य आसन के निकट खड़े होकर नारे लगा रहे थे ‘ एस सी , एसटी को वंचित नहीं करो।’ नायडू ने शोर शराबे के बीच ही प्रश्नकाल जारी रखा। ब्रायन ने इस बीच दोबारा कुछ कहने की अनुमति मांगी लेकिन नायडू ने इसे नहीं माना इसके बाद तृणमूल सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद श्री नायडू ने इस बारे में कहा कि जो कुछ सुबह हुआ उससे उन्हें दुख और पीड़ा हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य बिना कोई नोटिस दिये या मुद्दा उठाये ही आसन के निकट आकर नारे लगाने लगे। वे राज्यपाल के खिलाफ नारे लगा रहे थे जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा , ‘‘ यह संसद है या बाजार है। ’’ इस तरह के कार्यों से संसद की छवि धूमिल होती है।