जालंधर। जालंधर के जिला उपायुक्त वरिन्दर कुमार शर्मा ने आज बाल कल्याण समिति को निर्देश दिया है कि बच्चों के अधिकारों की देखभाल और सुरक्षा के लिए समिति सक्रिय भूमिका निभाये। समिति के कामकाज की समीक्षा के लिए तिमाही बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना समय की सबसे बड़ी जÞरूरत है, जिससे बच्चों के संपूर्ण विकास को विश्वसनीय बनाया जा सके। शर्मा ने कहा कि बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ साथ देखभाल, सुरक्षा, इलाज, विकास और पूनर्निमाण के मामलों का निपटारा करने के लिए अंतिम अथारटी बाल कल्याण समिति है, जिस कारण समिति के भूमिका बहुत अहम हो जाती है।
डिप्टी कमिश्नर ने जिÞला प्रोग्राम अधिकारी अमरजीत सिंह भुल्लर को चाइल्ड केयर संस्थाओं से बच्चों के जन्म सर्टिफिकेट लेने में आ रही समस्याओं के स्थाई हल के लिए तुरंत कार्यवाही करने के आदेश भी दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा कि वह जिले के हर एक बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के लिए जोरदार मुहिम चलायें जिससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वचिंत न रह जाये। इस अवसर पर समिति के अधिकारियों ने बताया कि पिछली दो तिमाही में जस्टिस जुवेनाइल एक्ट के अंतर्गत जालन्धर में बच्चों के संभाल और सुरक्षा को विश्वसनीय बनाने के उदेश्य से रिहायशी टिकानों का लगभग 70 बार समय-समय पर निरीक्षण किया गया है।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) कुलवंत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी राम पाल, उप जिला शिक्षा अधिकारी निल अवस्थी, बाल कल्याण समिति के मैनेजर सतीन्द्र मोहन सिंह और अन्य उपस्थित थे।