बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रदेश की 1333 साख सहकारी समितियों को भंग किए जाने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश पी रामचंद्रन की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति पी पी साहू की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद राज्य सरकार के उस आदेश को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सहकारी समितियां निर्वाचित होती है और उसे भंग नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार के सरकारी समितियों को भंग किए जाने संबंधी आदेश के खिलाफ कुल 170 याचिकाएं न्यायालय में दायर की गयी थी। इन याचिकाओं में कहा गया कि प्रजातांत्रिक तरीके से चुनी हुई समितियों को भंग करना गलत है। उल्लेखनीय है कि गत 23 जुलाई को राज्य सरकार ने प्रदेश की सहकारी समितियों को भंग करने का आदेश जारी किया था। इस आदेश में कहा गया था कि समितियां भंग की जाती हैं और आगामी समिति निर्वाचित होते तक अधिकारी कार्यभार सम्हालेंगे।