नई दिल्ली। पंजाब की फतेहपुर साहिब सीट से कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा के दौरान राज्य के किसानों का बचाव करते हुये कहा कि उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है जबकि सरकार को यह समझना होगा कि वे पराली क्यों जला रहे हैं। सिंह ने ‘‘वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन’’ विषय पर चर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा ‘‘किसानों पर आपराधिक मामले दर्ज किये जा रहे हैं। हमें पराली जलाने का कारण समझना होगा।’’उन्होंने कहा कि पराली को जड़ से निकालने के लिए जिन मशीनों की बात की जा रही है उनके इस्तेमाल का खर्चा पाँच से 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है। ऐसे में छोटे तथा सीमांत किसानों के लिए उनका इस्तेमाल संभव नहीं है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंजाब सरकार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि किसानों को पूरी तरह वित्तीय मदद दे सके।
यदि केंद्र सरकार आर्थिक मदद मुहैया करा दे तो किसान स्वयं भी पराली जलाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा किसानों को धान की फसल काटने के बाद 14 दिन के भीतर गेहूँ की बुवाई करनी होती है। ऐसे में वे पराली के प्राकृतिक रूप से सड़ने-गलने का इंतजार नहीं कर सकते। सिंह ने कहा कि जिस समय देश में अनाज की कमी थी और हमें विदेशों से आयात करना पड़ता था उस समय हमने पंजाब के किसानों से कहा कि तुम फसल उगाओ और देश के लोगों का पेट भरो। आज उनके साथ ऐसा व्यवहार अनुचित है। उन्होंने सरकार से औद्योगीकरण और पर्यावरण में संतुलन बनाने की अपील की। उन्होंने पंजाब के किसानों में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामलों पर भी अध्ययन की सलाह दी।