नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंन्द्र सिंह तोमर ने आज कहा कि कृषि के क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं जिन्हें अनुसंधान के माध्यम से हल किया जा सकता है लेकन इसका केन्द्र लघु एवं सीमांत किसान होना चाहिये। तोमर ने यहां राष्ट्रीय एग्रोकेमिकल्स कांग्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में 86 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसान दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं जहां वैज्ञानिकों के अनुसंधान को पहुंचना जरुरी है। अनुसंधान के प्रति किसानों में विश्वास होगा तो इससे फसलों का उत्पादन बढेगा जिससे सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान बढ सकता है। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि शोध का उत्पादन से कोई लेनादेना नहीं है।
इसी प्रकार से उत्पादक का बिक्री से औा विक्रेता का किसानों से कोई लेना देना नहीं है। यह एकाकी सोच है इस पर समग्रता से विचार किया जाना चाहिये जिससे लक्ष्य की प्राप्ति होगी। तोमर ने कहा कि देश में जरुरत से ज्यादा खाद्यान्नों की पैदावार हो रही है लेकिन कई बार भू गर्भ जल की समस्या, अधिक बरसात या सूखे की समस्या या जलवायु परिवर्तन की ओर ध्यान जाता है तो फसलचक्र परिवर्तन नजर आता है। उन्होंने कहा 2050 तक की जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना गंभीर चुनौती है।