सिरसा। स्वराज इंडिया ने साध्वी यौन शोषण तथा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या में दोषी पाए गए सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को पैरोल पर रिहा करने का विरोध करते हुए इस मुद्दे पर सिरसा उपायुक्त को ज्ञापन दिया है और राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। स्वराज इंडिया के प्रवक्ता राजीव गोदारा की तरफ से जारी बयान में गुरमीत सिंह को पैरोल देने की कोशिश को अनैतिक, गैर कानूनी और जनहित विरोधी करार दिया है और आरोप लगाया है कि असली कारण चुनावी सौदेबाजी है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर फिर भी सरकार ने पैरोल दिया तो स्वराज इंडिया इसके विरुद्ध कोर्ट जाएगी।
उन्होंने कहा कि चार कारणों से डेरा प्रमुख पैरोल का हकदार नहीं है। इनमें हरियाणा के 2012 के कानून के अनुसार लगातार दो संगीन मामलों में सजा के आधार पर डेरा प्रमुख का ‘हार्ड कोर‘ कैदी की श्रेणी में आना, अगस्त 2017 में साध्वी यौन शोषण प्रकरण में सीबीआई अदालत के दोषी करार दिये जाने के फैसले के समय डेरा समर्थकों की हरियाणा व पंजाब में हिंसा को देखते हुए डेरा प्रमुख को पैरोल मिलने से शांति भंग होने की आशंका, पत्रकार की हत्या में आये फैसले को केवल छह महीने होना और डेरा प्रमुख के मालिकानाहक वाली कृषि योग्य भूमि व बीते सालों में उसके खेती करने का कोई सबूत न होना शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भी कल इसके विरोध में ट्वीट किया था और कहा था, ‘‘इस सवाल पर सरकार ना बोले, विपक्ष तो मुंह खोले।‘‘ स्वराज इंडिया ने आरोप लगाया है कि मनोहर लाल खट्टर सरकार सत्ता की लालसा में फिर से प्रदेश में सामाजिक शांति व कानून व्यवस्था का बलिदान करने की तैयारी कर रही है। स्वराज इंडिया के महासचिव दीपक लांबा के अनुसार उनके कार्यकर्ता आज सिरसा डीसी से मिले और कल राज्यपाल से मिलकर अपील करना चाहते हैं कि हरियाणा की शांति व कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये तुरन्त सरकार को निर्देश दे कि डेरा प्रमुख की पैरोल की दरखास्त रद्द करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए पत्र लिख समय की मांग की गई है।