मथुरा। हर पल भक्तिरस में सराबोर रहने वाली कान्हा नगरी के वृन्दावन स्थित प्राचीन राधारमण मंदिर में चल रहे निकुंज उत्सव में जलयात्रा के दौरान शीतल जल से अधिक स्रान करने से राधारमण लाल ज्वर से पीड़ित हो गए। मां यशोदा का लाला ज्वर से पीड़ित हो जाय तो मां का चिंतित होना स्वाभाविक है। उन्होंने उनको ज्वर से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें बादाम का हलुआ खिलाया तो कान्हा स्वस्थ हो गए।
इस भावपूर्ण लीला का प्रस्तुतीकरण सोमवार की शाम राधारानी की नगरी वृन्दावन के राधारमण मंदिर में चल रहे निकुंज उत्सव में राग सेवा के साथ हुआ तो ठाकुर की इस नयनाभिराम लीला ने भक्तों को भाव विभोर कर दिया। ब्रज संस्कृति के पुरोधा राधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी ने बताया कि वैष्णव परंपरा में भगवान के चार उत्सव प्रमुख माने गए हैं। जहां बैशाख मास में चन्दन यात्रा आयोजित होती है वहीं ज्येष्ठ मास में जलयात्रा, अषाढ़ मास में रथयात्रा एवं कार्तिक मास में रासयात्रा का आयोजन किया जाता है।