मुंबई। भारतीय टीम के ऑलराउंडर दिनेश मोंगिया ने मंगलवार शाम को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी। साल 2003 में दुनिया कप तक पहुंची टीम का भाग रहे दिनेश ने लगभग 18 वर्ष तक क्रिकेट करियर को अलविदा बोलना का निर्णय लिया।
2001 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 12 मई 2007 को बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलने के तकरीबन 12 साल बाद क्रिकेट के सभी प्रारुपों को अलविदा कह दिया है। मोंगिया के क्रिकेट करियर पर उसी समय विराम लग गया था, जब उन्होंने बोर्ड द्वारा बैन आईसीएल लीग में हिस्सा लिया था।
दिनेश मोंगिया को इसलिए भी याद किया जाता है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका में हुए 2003 के विश्व कप में वीवीएस लक्ष्मण की जगह टीम में चुना गया था। फाइनल में हारने के बाद टीम इंडिया रनर अप रही थी। पंजाब के मोंगिया ने 1995-96 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था। बाए हाथ के इस बल्लेबाज ने इंग्लिश काउंटी में अपनी स्पिन का भी शानदार प्रदर्शन किया था।
मोंगिया ने साल 2007 में बीसीसीआई द्वारा बैन आईसीएल लीग में हिस्सा लिया था जिसने बाद उनपर बैन लगा दिया गया था. बाएं हाथ के बल्लेबाज और स्पिन गेंदबाज दिनेश 2003 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम का हिस्सा थे जहां भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद उपविजेता रही थी। दिनेश का इंटरनेशनल करियर करीब पांच साल का रहा।
हालांकि इस दौरान वह टीम इंडिया में नियिमत रूप से हिस्सा नहीं रहे। मोंगिया ने अपने वनडे करियर में 57 मैच खेले जिसमें उन्होंने 27.95 की औसत से 1230 रन बनाए, वहीं 14 विकेट भी अपने नाम किए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज डिसाइडर मैच में था जहां उन्होंने 159 रन बनाए थे। यह उनके करियर का एकमात्र शतक था।
मोंगिया टेस्ट टीम में कभी भी जगह नहीं बना पाए। उन्होंने अपना एकमात्र टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला, जिसमें उन्होंने 38 रन की पारी खेली थी। मोंगिया ने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट भी खेला था, वह लंकाशायर और लीसेस्टरशायर टीम का हिस्सा रहे।