नई दिल्ली। छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता एमसी मैरीकॉम ने हाल के उनके चयन ट्रायल को लेकर उठे विवाद पर बुधवार को कहा कि इस बारे में उनसे नहीं बल्कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ से सवाल पूछा जाना चाहिए। जारी करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रही थीं। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप को लेकर हुए ट्रायल के विवाद के बारे में पूछने पर कहा, ‘‘बेहतर होगा कि ट्रायल के बारे भारतीय मुक्केबाजी महासंघ से पूछें। मैं अकेले कोई फैसला नहीं ले सकती।’’
स्टार मुक्केबाज ने कहा, ‘‘यह फैसला बीएफआई ने लिया है। ट्रायल देना या नहीं देना, किसे चुनना या नहीं चुनना, यह सब बीएफआई के हाथ में है। बीएफआई ही सबकुछ देखता है। यह मेरे हाथ में नहीं है। यह फैसला बीएफआई का है।’’ उल्लेखनीय है कि मैरीकॉम और विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता लवलीना बोर्गाहेन को बिना ट्रायल खेले रूस में अक्टूबर में होने वाली विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता का टिकट मिल गया था।
मैरीकॉम को 51 किग्रा वर्ग में और लवलीना को 69 किग्रा वर्ग में पिछले कुछ महीनों के लगातार शानदार प्रदर्शन के कारण बिना ट्रायल खेले ही विश्व चैंपियनशिप का टिकट मिल गया था। 36 वर्षीय मैरीकॉम ने इस साल इंडिया ओपन में स्वर्ण और इंडोनेशिया में दो स्वर्ण पदक जीते थे। मैरी 2012 के लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता रह चुकी हैं। ऐसी खबरें आयी थीं कि मैरीकॉम ने बीएफआई को पत्र लिखा था कि उनके वर्ग की मुक्केबाजों को वह हरा चुकी हैं और इसलिए वह ट्रायल नहीं देंगी। बीएफआई ने मैरीकॉम की बात को स्वीकार करते हुए उनका ट्रायल नहीं लिया था जिसके बाद ट्रायल को लेकर विवाद उठा था।