मस्तक के अलावा शरीर पर 13 अन्य बिंदु भी हैं जहां तिलक लगाना अच्छा माना गया है। वैसे मान्यताओं के अनुसार शिव भक्तों के लिए राख का तिलक तथा विष्णु भक्तों के लिए चंदन का तिलक शुभ माना गया है। ध्यान रहें तिलक लगाने में प्रयोग की जाने वाली अंगुलियों का भी खास महत्व माना गया है। आइए जानते है अलग-अलग अँगुलियों के महत्व को:
अनामिका अंगुली
शास्त्रों में रिंग फिंगर मतलब अनामिका अंगुली से तिलक लगाना हर प्रकार से शुभ फल देने वाला माना गया है। साथ ही यह अंगुली को सूर्य से जुड़ा हुआ माना गया है इसलिए इससे तिलक लगाना मानसिक शक्ति तथा शांति प्रदान करता है।
मध्यमा अंगुली
आपको बाता दें, यह शनि से जुड़ी हुई अंगुली मानी जाती है इसलिए तिलक लगाने में इसका प्रयोग किया जाना व्यक्ति को सौभाग्यशाली बनाता है। शनि को स्वास्थ्य और समृद्धि से जुड़ा ग्रह भी माना गया है इसलिए इस अंगुली से तिलक लगाना व्यक्ति को स्वस्थ रखता है और आर्थिक रूप से संपन्न भी बनाता है।
तर्जनी अंगुली
इस अंगुली से तिलक लगाना मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है लेकिन मोक्ष हर हाल में व्यक्ति को जीवन-मोह से मुक्त करता है जो मृत्यु के पश्चात् ही संभव है। यही कारण है कि इस अंगुली से तिलक लगाए जाने से मना किया जाता है।
अंगूठा
अंगूठे को शुक्र से जुड़ा हुआ माना गया है इसलिए अंगूठे से तिलक लगाना व्यक्ति को सभी प्रकार की भौतिक सुविधाएं दिलाता है। कहा जाता है कि, यदि किसी बीमार व्यक्ति को नियमित रूप से अंगूठे का प्रयोग करते हुए चंदन का तिलक लगाया जाए तो कुछ ही दिनों में वह स्वस्थ हो जाता है।