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Astrology

मुकेश अंबानी की कुंडली में हैं ये ग्रह योग, कहीं ये आप में भी तो नहीं,जनिये

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 30 2019 2:19PM | Updated Date: Jul 30 2019 2:19PM
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नई दिल्ली। जब भी भारत की सबसे बड़ी कंपनी के मालिक, सबसे ज्यादा अमीर आदमी या सबसे अधिक कामयाब व्यक्ति की बात आती है तो सबकी जबान पर केवल एक ही नाम हुआ करता है – मुकेश अंबानी। देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी अब तक गैस और पेट्रोलियम के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय रहते हुए देश की अर्थ व्यवस्था में औद्योगिक रूप से उल्लेखनीय योगदान दिया है। गणेशास्पीक्स.काम के ज्योतिषीगण जन्म विवरण के आधार पर अंक शास्त्र और वैदिक ज्योतिष की मदद से आपको उद्योगपति मुकेश अंबानी जन्म कुंडली के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जो आपको भी हैरत में डाल देगी।
 
वे कारक जो इनकी सफलता में साथी बने- अंक शास्त्र के अनुसार देखें तो मुकेश अंबानी की जन्म तारीख19-04-1957 होने से इसका मूलांक1+9=10=1 होता है जो सूर्य का अंक है। इसके अलावा, इसका भाग्यांक 1+9+0+4+1+9+5+7=36=3+6=9 होता है जो मंगल ग्रह का अंक है। भाग्यांक और मूलांक के ग्रह इनकी साहसिकता और सफलता को दर्शाते हैं। जहां मूलांक 1 सूर्य का अंक तो 9 मंगल का अंक है। अर्थात1+9= 10=1 यानी दोनों का योग करें तो सूर्य का ही अंक आता है। इसके कारण इनके भीतर एक गजब का आत्मविश्वास देखने को मिलता है। बड़े जोश से काम करते हैं। इनकी जन्म की तारीख पर यदि आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि इसमें दो बार सूर्य का अंक, दो बार मंगल का अंक और एक बार बुध और एक बार केतु का अंक आता है। इनके सामूहिक संयोजन से मंगल का अंक मिलता है। यही कारण है कि ये भीषण परिश्रम करने से भी नहीं चूकते। दूरदृष्टि और कुशाग्र बुद्धि इसमें इनका साथ देती है। इन ताकतों की वजह से मुकेश अंबानी भारत के सबसे धनाड्य व्यक्ति और बड़े उद्योगपति हैं।
 
जन्म के ग्रहों की स्थिति- रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीएमडी मुकेश अंबानी की सूर्य कुंडली के अनुसार मेष लग्न आता है। लग्नेश मंगल दूसरे स्थान की वृषभ राशि में है। पंचमेश सूर्य प्रथम स्थान में है। सुखेश चंद्र भाग्य स्थान की धनु राशि में है। तृतियेश और षष्ठेश बुध मेष राशि में हैं। भाग्येश और व्ययेश गुरु पंचम स्थान में हैं। वहीं धनेश और सप्तमेश शुक्र प्रथम स्थान में हैं। कर्मेश और लाभेश शनि अष्टम स्थान में हैं। राहु सप्तम स्थान और केतु प्रथम स्थान में है।
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