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Astrology

इस हरियाली अमावस्‍या पर क्‍या है खास और कैसे पाएं इसका लाभ जाने

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 21 2019 1:15AM | Updated Date: Jul 21 2019 5:12AM
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प्रकृति और पितृ पर्व हरियाली अमावस्या पर इस बार गुरुपुष्य नक्षत्र के साथ अमृतसिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। सालों बाद दिव्य संयोग में आने वाली अमावस्या पर पितृ कर्म व पौध रोपण करना श्रेष्ठ रहेगा। इस बार हरियाली अमावस्या पर 6 घंटे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा। हरियाली अमावस्या 1 अगस्त को पुष्य नक्षत्र, सिद्धि योग, नागकरण व कर्क राशि के चंद्रमा के संयोग में मनाई जाएगी। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का होना अमृतसिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण करता है।
 
क्योंकि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि तथा उप स्वामी बृहस्पति हैं। सिद्धि योग के स्वामी भगवान श्री गणेश हैं। इस प्रकार के संयोग में अमावस्या पर तंत्र व मंत्र की सिद्धि विशेष फल प्रदान करती है। पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए भी यह दिन खास है। इस दिन तीर्थ पर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि तथा वंशवृद्धि होती है।
 
हरियाली अमावस्या प्रकृति पर्व है। इस दिन वृक्षों का पूजन तथा पौध रोपण की मान्यता है। इस दिन घरों में भी हरियाली का पूजन किया जाता है। वनस्पति तंत्र के अनुसार अमृतसिद्धि योग में पौध रोपण करने से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है। संयोग से इस बार हरियाली अमावस्या पर अमृतसिद्धि योग का संयोग है। ऐसे में इस दिन पितरों की निमित्त पौध रोपण करना शुभफलदायी माना गया है।
 
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