ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब गुरु ग्रह कुण्डली में सही स्थान पर होता है, उचित समय पर विवाह तभी होता है। यदि यह गुरु ग्रह या बृहस्पति कुंडली में अशुभ स्थान पर है तो विवाह में कई अड़चनो का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिष के अनुसार भगवान विष्णु से जुड़े कुछ ऐसे उपाय यदि गुरूवार के दिन किये जाय तो गुरु ग्रह कुंडली में शुभ फल दिखाना शुरू कर देता है।
उपाय
गुरुवार के दिन स्नान के बाद केले के पेड़ के नीचे श्री सत्यनारायण और देवगुरु बृहस्पति की प्रतिमा या फोटो स्थापित कर विधिवत पूजन करे। केले के पेड़ को पीले वस्त्र अर्पित करे।
गुरूवार के दिन पीली वस्तुओं का पूजा में अत्यंत महत्व है अत: पीले पुष्पों, पीले अक्षत, चना, गुड और पीले वस्त्रो का पूजा में जरुर प्रयोग करें। हो सके तो इन सभी चीजो का दान भी किसी मंदिर या जरूरतमंद को करे।
दोनों देवताओं को भोग में पीले पकवान और पीले फल अर्पित करें।
गुरूवार की पूजा में लक्ष्मीनारायण भगवान के युगल जोड़ी की स्तुति कर अपने विवाह के योग बनाये।
स्तुति के लिए निम्न पंक्तिया पढ़े:-
श्रीनिवासाय देवाय नम: श्रीपयते नम:।
श्रीधराय सशाङ्र्गाय श्रीप्रदाय नमो नम:।।
श्रीवल्लभाय शान्ताय श्रीमते च नमो नम:।
श्रीपर्वतनिवासाय नम: श्रेयस्कराय च।
श्रेयसां पतये चैव ह्याश्रयाय नमो नम:।
नम: श्रेय:स्वरूपाय श्रीकराय नमो नम:।।
शरण्याय वरेण्याय नमो भूयो नमो नम:।
स्त्रोत्रं कृत्वा नमस्मृत्य देवदेवं विसर्जयेत्।।
इति रुद्र समाख्याता पूजा विष्णोर्महात्मन:।
य: करोति महाभक्त्या स याति परमं पदम्।।
इस तरह गुरु पुष्य योग में पूजा करने से गुरु का शुभ प्रभाव होता है और शुभ फल मिलने लगते हैं। विवाह के योग भी बनने लगते हैं।