शनि महाराज न्याय के देवता होते हैं इसलिए शनिप्रिय लोग खुद सही रास्ते पर चलते हैं और दूसरों को भी सही रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं। जनमानस में अक्सर शनि की वक्र दृष्टि, शनि के प्रकोप, शनि के दंड आदी की चर्चा होती है, लेकिन शनि हमेशा दंड नहीं देते है। उनकी मेहरबानी व्यक्ति को मालामाल बना देती है और अखंड सौभाग्य का वरदान देती है। लाल किताब और ज्योतिष के अनुसार शनिदेव कब और कैसे प्रसन्न होते हैं। इसके कई कारण है। पहला यह कि कुंडली में शनि की स्थिति बताती है कि शनिदेव आप पर प्रसन्न हैं और दूसरा यह कि आपके कर्म और आपका जीवन बताता है कि शनिदेव आप पर प्रसन्न हैं या नहीं। तो आइये जानते हैं इन संकेतों से कि शनिदेव प्रसन्न हैं आप पर।
-अगर शनिवार को आपके जूते या चप्पल चोरी हो जाते हैं तो मान लीजिए कि यह शनिदेव की शुभता का संकेत हैं।
-अगर आपको अचानक ही धन की प्राप्ति होने लगे और समाज में मान-सम्मान मिलने लगे तो माना जाएगा कि शनिदेव की आप पर कृपा है और कुंडली में भी शनि की शुभ स्थिति है। चमड़े, लोहे, तेल, लकड़ी, खदान संबंधी व्यापार में लाभ मिलता है।
-अगर शनिदेव आप पर प्रसन्न है या कि शनि का अच्छा प्रभाव आप पर पड़ रहा है तो बाल और नाखून मजबूत रहते हैं। वक्त के पहले आंखें कमजोर नहीं होती है। हड्डी और नसें मजबूत होगी। फेफड़े अन्य को अपेक्षा ज्यादा मजबूत होंगे।
-माना जाता हैं की अगर आपके घर के बाहर या पश्चिम दिशा में शमी का वृक्ष लगा है तो शनिदेव की आप पर साक्षात कृपा बनी रहेगी। इसके अलावा यदि दक्षिण दिशा में नीम का वृक्ष है तो हनुमानजी की कृपा से आपको कभी भी शनि का कष्ट नहीं होगा।
-अगर शनिदेव प्रसन्न हैं तो ऐसे जातक हर क्षेत्र में प्रगति करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा और कष्ट नहीं होता है। उसके हर कार्य आसानी से होते जाते हैं। उसके जीवन में स्थायित्व आ जाता है। प्रॉपर्टी के मामले स्वत: ही सुलझ जाते हैं। व्यक्ति हर तरह की दुर्घटना से बच जाता है।
-अगर आप न्यायप्रीय हैं और आपको हमेशा सच बोलने वाले लोग पसंद हैं तो निश्चित ही आप पर शनिदेव की कृपा है। यदि आप पर शनिदेव की कृपा है तो आप अनावश्यक चिंता और घबराहट से दूर रहेंगे। आपको किसी भी प्रकार का डर नहीं रहेगा। खुलकर आप जीवन का लुफ्त उठाएंगे।
-अगर आप नियमित हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और उन्हीं की भक्ति करते हैं तो निश्चित रूप से आप पर शनिदेव प्रसन्न ही रहेंगे। क्योंकि शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया था कि मैं आपके किसी भी भक्त को किसी भी प्रकार से कष्ट नहीं दूंगा।
-अगर आप शराब नहीं पीते हैं, ब्याज का धंधा नहीं करते हैं, झूठी गवाही नहीं देते हैं, गृहकलह नहीं करते हैं और पराई स्त्री पर नज़र नहीं रखते हैं तो यह माल लें कि शनिदेव की आप पर कृपा है।
-अगर आप पर चाचा-चाची, माता-पिता, मामा-मामी, सेवक, सफाईकर्मी, अपंग लोग, कमजोर और अंधे लोग प्रसन्न हैं तो समझो कि शनिदेव आप पर प्रसन्न हैं। ऐसे लोगों को मजदूर, कमजोर और गरीब लोगों का बहुत साथ मिलता है।
-अंत में कुंडली से जाने शनिदेव की प्रसन्नता के संकेत। शनि ग्रह मकर और कुम्भ का स्वामी होता है। तुला में उच्च का और मेष में नीच का माना गया है। ग्यारहवां भाव उसका पक्का घर है। लाल किताब के अनुसार यदि शनि सातवें भाव में है तो वह शुभ माना गया है। अर्थात मकर, कुंभ और तुला का शनि अच्छा है और सातवें एवं ग्यरहवें भाव का शनि भी अच्छा है। बाकी की कोई गाररंटी नहीं।
-शनि ग्रह के कारण बनने वाला शश योग है। यदि आपकी कुंडली में शनि लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में तुला, मकर अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो यह शश योग बनता है।