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Astrology

इसलिए एक ही गोत्र में नही कर सकते हैं शादी, इस कारण...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 24 2019 10:56AM | Updated Date: Nov 24 2019 10:57AM
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जीवन में शादी करना हर किसी का सपना होता है जिसके लिए भी जीवन भर उत्साहित रहते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार शादी से पहले गोत्र मिलाने बहुत जरूरी होते हैं क्योंकि समान गोत्र वाले 1 लड़के और लड़की की शादी कभी नहीं हो सकती है क्योंकि सनातन धर्म के अनुसार वे दोनों भाई बहन होते हैं इसलिए पति पत्नी नहीं बन सकते हैं। वैसे तो समान गोत्र में शादी न करने के बहुत से कारण है, जिनमें से एक यह भी है कि यदि समान गोत्र में होने वाले लड़के और लड़की की शादी हो जाती है तो उनकी संतान कभी भी नॉर्मल नहीं होती है वह अक्सर विकृत या फिर मानसिक तौर पर अपंग होते हैं।
 
एक लड़का और एक लड़की के विवाह से पूर्व तीन गोत्र ऐसे हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए शादी पक्की की जाती है। पहला गोत्र विवाह करने वाले लड़के या लड़की का, दूसरा उनके माता और पिता का और तीसरा गोत्र इन की दादी का देखा जाता है। यदि इन तीनों में से कोई भी बोतल लड़का या लड़की के परिवार या उनसे मिलता है तो उन दोनों का रिश्ता पक्का नहीं किया जाता है। सनातन धर्म के अनुसार देखा जाए तो 7 पीढ़ियों के बाद गोत्र बदल जाते हैं और यदि एक लड़का और एक लड़की साथ गोत्र के बाद उस गोत्र को दोबारा से दोहराते हैं तो उस गोत्र में उन दोनों की शादी आपस में हो सकती है।
 
हालांकि कुछ लोग इस बात को मानने से इंकार करते हैं। यदि विद्वानों की मानी जाए तो उनका कहना है कि सात पीढ़ी में भी गोत्र छोड़ कर शादी करने से बीती हुई पीढ़ियों का अनुवांशिक गुण धर्म आने वाली पीढ़ी में आ जाता है। सीढ़ी को बदलने के समय आने वाली पीढ़ी को भी नया रूप देना बेहतर होता है ताकि वे अधिक विवेकशील और बुद्धिमान बने।
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