कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार 17 अक्टूबर को देश भर में ये पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इसे लेकर अभी से महिलाओं में इतना क्रेज है जिसकी चमक दमक बाजार में स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती है। करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है। शाम को चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य अर्पित करने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन चतुर्थी माता और गणेशजी की भी पूजा की जाती है। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना अधिक मंगलकारी बना रहा है। इस दिन चतुर्थी माता और गणेशजी की भी पूजा की जाती है।
इस दिन भगवान शिव तथा मां पार्वती, स्वामी कार्तिकेय तथा भगवान श्रीगणेश एवं चंद्रमा का पूजन करने का विधान है। इनके पूजन के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी रहता है। अत: करवा चौथ के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य किया जाना चाहिए।
करवा चौथ व्रत पूजा के मंत्र -
* पार्वतीजी का मंत्र - ॐ शिवायै नमः
* शिव का मंत्र - ॐ नमः शिवाय
* स्वामी कार्तिकेय का मंत्र - ॐ षण्मुखाय नमः
* श्रीगणेश का मंत्र - ॐ गणेशाय नमः
* चंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः