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Astrology

ये है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग हर साल बढ़ता है आकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 31 2019 10:54AM | Updated Date: Jul 31 2019 10:55AM
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शायद ही भोलेनाथ का कोई ऐसा भक्त होगा जिसने उन्हें पाने का ख्वाब नहीं सजाया होगा। कहते हैं हर शिव भक्त के मन की एक ही इच्छा होती है कि अपनी मृत्यु से पहले अपने ईष्ट अपने आराध्य देवों के देव महादेव को पा ले। अब ऐसा हो पाना कहां मुमकिन है, यह विचार हम सबके मन में आता है कि कलियुग में कोई अपने तन मन की शद्ध भक्ति से उन्हें पा ले यह संभव नही।

अब हम आपकी इस भावना को गलत तो नहीं ठहरा सकते लेकिन आपको ऐसा कुछ ज़रूर बता सकते हैं जिससे आपका यह शक कि पृथ्वी पर भोलेनाथ अपने भक्तों के लिए नहीं आ सकते, हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाएगा। जी हां, आज हम आपके लिए लाएं है देश के एक कोने में स्थापित ऐसे शिवलिंग से जुड़ी जानकारी जो इस बात का जीता-जागता सबूत है कि शिव जी आज भी कहीं न कहीं अपने होने का एहसास अपने भक्तों को करवाते रहते हैं।

 
तो चलिए अधिक देर न करते हुए आपको बताते हैं इस अद्भुत शिवलिंग के बारे में जो कहलाता है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग-श्रावण का महीना हर किसी के लिए बेहद खास होता है। लगभग हर शिव भक्त के मन में एक इच्छा ज़ाहिर होती है कि इस दौरान देश के विभिन्न शिवालय में प्राचीन शिवलिंगों के दर्शन करें। मगर हर किसी के लिए ये कर पाना मुमकिन नहीं होता। जिस वजह से उनकी ये इच्छा बस इच्छा ही बन कर रह जाती है।
 
तो आपको बता दें हम आज आपकी इस इच्छा को पूरा करने वाले हैं क्योंकि हम आपको आज अपनी वेबसाईट के माध्यम से एक बहुत ही अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करवाने जा रहे हैं। दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग कहलाने वाला ये अद्भुत व प्राचीन शिवलिंग छत्तीसगढ़ के गांव मरोदा में स्थित है जिस भूतेश्वर नाथ के नाम से जाना जाता है। आप में से बहुत से लोगों ने अब तक ऐसे कई शिवलिंगों के बारे में सुना होगा जिनमें से किसी का आकार छोटा होता है तो किसी का बड़ा नहीं।
 
मगर उन्हीं में से छत्तीसगढ़ का ये शिवलिंग ऐसा है जिसका आकार अन्य सारे शिवलिंगों में से बड़ा है। बताया जाता है जब इस शिवलिंग का ज़मीन से प्राकट्य हुआ था तब यह बहुत छोटा था। परंतु धीरे-धीरे इसकी लम्बाई और चौड़ाई बढ़ती गई। कहा जाता है वर्तमान में इसकी ऊंचाई 18 फ़ीट और गोलाई 20 फ़ीट की है।
 
हर साल बढ़ता है आकार-प्रचलित लोक कथाओं के अनुसार शोभा सिंह नामक एक जमींदार था। जिसे अपनी इस ज़मीन के पास से शेर और बैल की आवाज़ सुनाई दी तो उसने वहां जकर देखा। जब वह वहां गया तो उसने देखा कि एक शिवलिंग के आकार का कुछ ज़मीन से निकल रहा था। जिसके बाद उसके दिमाग में आया कि शेर शक्ति यानि मां दुर्गा और बैल भोलेनाथ की सवारी है, जो शिवलिंग की रक्षा हेतु यहां आएं हैं। जिसके बाद उसे एहसास हो गया कि यह ज़रूर शिव की ही महिमा है।
 
जिसके बाद गांव में इस शिवलिंग की पूजा आंरभ हुई।
बताया जाता इस शिवलिंग की गाथा दूर-दूर तक फैली हुई है। रोज़ आकार बढ़ने से  आज के समय में यह शिवलिंग इतना बड़ा हो गया है कि इसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग कहलाता है। श्रावण के महीने में यहां बहुत ज़ोर-शोर से मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से आए लोग शामिल होते हैं।
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