सावन का पावन माह शुरु हो गया है और सभी इस पवित्र में माह में भगवान शिव की पूजा विधिवत रुप से करते हैं जिससे भोलेनाथ की कृपा अपने भक्तों पर होती है। भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं में सबसे प्रमुख है रूद्राक्ष। पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से हुई है। कुल 14 प्रकार के रुद्राक्ष होते हैं। सभी का अपना महत्व होता है और इन्हें धारण करने के लिए मंत्र भी अलग-अलग हैं।
मेष
मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। इस राशि के जातकों को तीन मुखी रूद्राक्ष धारण करने से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है।
वृषभ
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं। इस राशि के जातकों के लिए छह मुखी रूद्राक्ष शुभ होता है। इसे धारण करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
मिथुन
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं। इस राशि के जातकों के लिए चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी रूद्राक्ष उत्तम होता है।
कर्क
कर्क राशि के स्वामी चंद्र हैं। इन्हें मानसिक शांति और समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए दो मुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए।
सिंह
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं। इस राशि के जातकों को 12 मुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे इन्हें रोग मुक्ति तो होती ही है। आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।
कन्या
कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। इस राशि के जातकों के लिए चार मुखी रूद्राक्ष सबसे उत्तम माना गया है। ये गौरी शंकर रूद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। यह सौभाग्यदायक होता है और इन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।
तुला
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। इस राशि के जातक छह मुखी या सात मुखी रूद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं। इस राशि के जातक तीन मुखी या पांच मुखी रूद्राक्ष पहन सकते हैं। इससे इन्हें आर्थिक संपन्न्ता प्राप्त होगी।
धनु
धनु राशि के स्वामी ब्रहस्पति हैं। इस राशि के जातक पांच मुखी रूद्राक्ष धारण करके जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शीर्ष तक पहुंच सकते हैं।
मकर
मकर राशि के स्वामी शनि हैं। शनि की शांति और जीवन में सफलता अर्जित करने के लिए मकर राशि के जातकों को सात या चौदह मुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए।
कुंभ
कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं। इस राशि के जातक भी सात या चौदह मुखी रूद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
मीन
मीन राशि के स्वामी ब्रहस्पति हैं। पांच मुखी रूद्राक्ष इस राशि वालों के लिए सर्व सुख दायक होता है।