अक्सर कहा जाता है कि वैवाहिक जोड़ियाँ स्वर्ग में बनती हैं। किसकी शादी किसके साथ होगी ये भगवान ने पहले ही तय कर रखा है। लेकिन आज-कल लोग इन बातों को नहीं मानते और अपना जीवनसाथी अपनी इच्छा से चुनना चाहते हैं| इसके लिए लोग अपने होने वाले जीवनसाथी के बारे में पहले से अपने मन में कुछ योजनायें बनाकर रखते हैं| लोगों को अपनी इच्छानुसार जीवनसाथी मिल जाए इसकी कोई गारंटी नहीं होती।
लेकिन जीवनसाथी की तलाश में लोगों को बहुत से ऐसे लोग भी मिलते हैं जिनसे मिलने के बाद उनके मन में उसके प्रति आकर्षण जरुर पैदा होता है और कई बार ऐसा भी होता है कि जिसे लोग अपना जीवनसाथी चुनते हैं उसके साथ उनका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं बीतता| ऐसा क्यों होता है? इस बात का जवाब कहीं न कहीं अंकज्योतिष में छिपा है| आइये जानते हैं इसके बारे में| अंकज्योतिष के अनुसार 1 से लेकर 9 तक के अंक होते हैं और हर मनुष्य का जीवन दो तरह के अंकों से निर्धारित होता है|
ये दो अंक होते हैं; मूलांक और भाग्यांक| मूलांक जन्मतिथि के दिन वाला अंक और भाग्यांक होता है पूरी जन्मतिथि के सभी अंकों का योग। इसे एक उदाहरण से समझते हैं| अगर किसी की जन्मतिथि है, 01-01-2019 तो उसका मूलांक होगा 1 क्योंकि उसकी जन्मतिथि का पहला अंक यानि दिन 1 है और भाग्यांक होगा; “1+1+2+0+1+9=14” अब चूँकि 14, 9 से बड़ा है इसलिए हम इसके अंकों को भी जोड़ देंगे| “1+4=5” तो भाग्यांक बना 5| मूलांक में भी यदि जन्मतिथि 9 के बाद है तो उसके अंकों को जोड़ दिया जाएगा|
जैसे अगर किसी की जन्मतिथि महीने की 15 तारीख है तो उसका मूलांक होगा “1+5=6”| इस प्रकार लोग मूलांक और भाग्यांक को जान सकते हैं। अब इस मूलांक और भाग्यांक का वैवाहिक जीवन से क्या सम्बन्ध है| तो इसका सीधा सम्बन्ध एक सुखद वैवाहिक जीवन से है| यदि आपका मूलांक या भाग्यांक आपके होने वाले जीवनसाथी के मूलांक या भाग्यांक से मेल हो जाता है तो इसका सीधा मतलब ये है कि आपका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय रहेगा और अगर ऐसा नहीं होता है तो आपके वैवाहिक जीवन में हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहेंगे|
इसमें अंक 8 एक अपवाद है| यदि किसी का मूलांक या भाग्यांक 8 है और उसके जीवनसाथी का भी मूलांक या भाग्यांक 8 है तो उसके वैवाहिक जीवन में हमेशा विषम परिस्थितियाँ बनी रहेंगी| इसलिए विवाह के पूर्व जन्मतिथि के अनुसार अपना और अपने होने वाले जीवनसाथी का मूलांक और भाग्यांक जरुर जान लें।