भाग्य या किस्मत ऐसे शब्द हैं जिनका हमारे जीवन पर काफी गहरा प्रभाव रहता है। किसी भी प्रकार के सुख-दुख, सफलता-असफलता, अमीरी-गरीबी को भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। सभी जानना चाहते हैं कि उनका अच्छा समय कब आएगा? कब उनके पास बहुत सारा पैसा आएगा।
भृगु संहिता एक ऐसा ग्रंथ या पुस्तक है जिसमें ज्योतिषि संबंधी समस्त जानकारी उपलब्ध है। इस संहिता में कुंडली के लग्न के अनुसार बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा।
मेष - जिन लोगों की कुंडली मेष लग्न की है सामान्यतः उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु, 22 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 32 और 36 वर्ष की आयु में हो सकता है।
वृष - जिन लोगों की कुंडली वृष लग्न की है उनका भाग्योदय 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 36 वर्ष की आयु और 42 वर्ष की आयु में हो सकता है।
मिथुन - मिथुन लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 22, 32, 35, 36 और 42 वर्ष में हो सकता है।
कर्क - कर्क लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 16, 22, 24, 25, 28 और 32 वर्ष की आयु में संभव है।