वर्ष 2019 नववर्ष का प्रारंभ सकला एकादशी पर धनु लग्न में होगा। नववर्ष में इस बार कई सारे राजनैतिक एवं प्राकृतिक घटनाक्रम संसार को देखने को मिलेंगे। इन घटनाक्रमों का कारण 2019 में होने वाले ग्रहों का परिवर्तन रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. कामता प्रसाद तिवारी के अनुसार इस बार राजनैतिक उथलपुथल का प्रभाव पूरी दुनिया के साथ भारत में भी देखने को मिलने की संभावना है। वहीं ज्योतिषविज्ञान में इस साल कई सारे प्राकृतिक आपदाओं के संकेत भी देखने को मिल रहे हैं।
इनमें आंतकवादी घटनाएं, तेल उत्पादन में कमी, युद्व की संभावना, भूकंप आदि घटनाएं प्रमुख रहने की संभावनाएं हैं इस वर्ष नववर्ष की शुरूआत मंगलवार के दिन से होगी जबकि साल का अंत भी मंगलवार के दिन ही होगा। इस साल विक्रम संवत 2076 के प्रधान शनि रहेंगे जबकि उनके मंत्री सूर्य रहेंगे। वर्ष का प्रारंभ शुक्र चंद्रमा के साथ रहने से जैमिनी योग एवं सभी ग्रहों का चार स्थानों पर रहने से केदार योग का भी निर्माण हो रहा है।
1870 के बाद इस बार बनेगा बड़ा महायोग
1870 के बाद इस वर्ष 2019 में सूर्य और शनि का जोड़ बन रहा है। जो इससे पहले यह योग 1870 में बना था जिसमें कई प्राकृतिक घटनाएं हुई थीं। साथ ही बहुत कुछ परिवर्तन भी हुआ था। 2019 के बाद अब यह संयोग 2076 में बनेगा।
वर्ष में ऐसे होगा राशि परिवर्तन
2019 के मार्च माह में राहु और और नवम्बर माह में गुरू राशि परिवर्तन करेंगे। जिससे साढे साती वृश्चिक, धनु, मकर राशि पर साल भर रहेगी। और शनि का ढैयय भी वृषभ व कन्या राशि में रहेगा।