बेंगलुरु। मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती समारोह पर सियासी घमासान चरम पर है। इस बीच बीजेपी के विरोध के बावजूद कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। हालांकि बीजेपी ने काफी समय पहले से ही आगाह कर दिया था कि वे टीपू जयंती समारोह का विरोध व्यापक स्तर पर करेंगे।
बता दें कि टीपू सुल्तान की जयंती 10 नवंबर को होती है और इस मौके पर कर्नाटक में उनकी जयंती समारोह मनाई जा रही है। कर्नाटक के कई इलाकों से जयंती समारोह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। लेकिन विपक्षी बीजेपी के विरोध के बावजूद कर्नाटक सरकार शनिवार 10 नवंबर को टीपू जयंती मना रही है।
हालांकि खबर ये आ रही है कि स्वास्थ्य कारणों से चलते मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इस समारोह से खुद को अलग कर लिया है। उनकी पार्टी जेडीएस (जनता दल सेकुलर) ने भी समारोह से दूरी बनाए रखी है। इस मौके पर मडिकेरी में लोगों ने टीपू जयंती समारोह के विरोध में शहर के श्री ओंकारेश्वर मंदिर में प्रार्थना की। इसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला किया।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। विरोध में बीजेपी और कोडाना नेशनल काउंसिल समेत कुछ अन्य पार्टियों के द्वारा मेडिकरी बंद का आह्वान किया गया है। बीजेपी के जिला सचिव सज्जल कृष्णन ने इस मौके पर कहा कि सरकार टीपू जयंती के नाम पर लोगों का पैसा बर्बाद कर रही है। टीपू एक योद्धा नहीं था, उसने कई लोगों की जानें ली और मंदिरों पर हमले किए। फिर क्यों सरकार ऐसे व्यक्ति का इतना महिमामंडन कर रही है। यह केवल वोटबैंक की राजनीति है औऱ कुछ नहीं। कोडागू में हर कोई समारोह का विरोध कर रहा है।