अलवर। राजस्थान में अलवर एवं अजमेर की विशेष अदालतो ने दो दुष्कर्मियों को दस दस साल की सजा सुनाई है। अलवर में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) अदालत संख्या दो ने छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आज आरोपी को दस साल की कठोर कारावास एवं 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत के विशिष्ट लोक अभियोजक के रुद्र किशोर सैनी ने बताया कि यह मामला बहरोड़ पुलिस थाना अंतर्गत एक गांव का है।
जहां 5 दिसंबर 2015 को सुबह स्कूल जाती 11वीं की छात्रा को गांव के ही रंिवद्र एवं उसका साथी बाइक पर जबरन बैठा कर ले गए और रविन्द्र ने दुष्कर्म किया। जब पीड़िता के परिजनों ने उसका उलाहना दिया तो रंिवद्र के घर वालों ने जातिसूचक शब्द कहे। इस मामले की रिपोर्ट 6 दिसंबर को दर्ज कराई गई। अदालत के विशिष्ट न्यायाधीश बलजीत सिंह ने आरोपी रविन्द्र को यह सजा सुनाई। इसी तरह अजमेर स्थित पोक्सो मामलों की विशेष अदालत संख्या दो ने आज एक मामले में 14 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म के आरोपी को दस साल की कैद व पचास हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
लोक अभियोजक प्रदीप शेखावत ने बताया कि मामला 4 अप्रैल 2016 का है जब पीड़िता अपनी दो सगी बहनों के साथ खेतों में जा रही थी और बकरी चराते हुए श्रीनगर थाना क्षेत्र (अजमेर जिला) में खानपुरा गांव निवासी अर्जुन सिंह रावत बकरी चराते हुए वहां पहुंचा। अर्जुन ने बदनीयती के चलते पीड़िता से पानी पिलाने के लिए कहा तो घबराई तीनों बहनों में से दो भाग गई और पीड़िता के कांटा चुबने से वो भाग नहीं पाई।
इस पर आरोपी ने चाकू की नोंक पर जबरन उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया। घर पहुंची दो बहनों ने जब यह बात परिवार वालों को बताई तो वे उसकी तलाश में निकले और आरोपी को भी पकड़ लिया। बाद में परिजनों ने उसे श्रीनगर थाना पुलिस के हवाले कर दिया। आगे चलकर मामला अदालत में चला और आज पोक्सो एक्ट के न्यायाधीश राजेंद्र गुप्ता ने दुष्कर्म के इस आरोपी अर्जुन सिंह रावत को दस साल की सजा सुनाई तथा अर्थदंड से दंडित किया।