दरभंगा। वामदलों ने बिहार सरकार से बिहार रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2019 को वापस लेने की मांग की है। भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2019 लगाने से किसानों एवं बटाईदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पर रहा है। आम लोगों को अपने घर शादी, इलाज, श्राद्ध कर्म, बच्चो के पढ़ाई-लिखाई पैतृक संपत्ति जमीन बेचकर ही करना पड़ता है। यादव ने सरकार से तत्काल इस नियम को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि पिता/दादा के नाम की जमीन बिक्री पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने की और कहा कि पूर्वजो के नाम जमावन्दी वाली जमीन की बिक्री पर रोक के कारण बीमारी- ईलाज, शादी, श्राद्ध सहित अन्य कार्य के लिए पैसा का बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है।
सरकारी कर्मी के शिथिलता के कारण 99 प्रतिशत किसानों के जमीन का जमावन्दी पूर्वजो के नाम पर है। सरकार को सभी राजस्व को गांव में कम से कम एक कर्मचारी को तैनात कर ग्रामीणों के उपस्थिति में वंशावली के अनुसार जोत कब्जा देखते हुए दाखिल-खारिज कर वर्तमान रैयत के नाम जमावन्दी खोलकर मालगुजारी रसीद काटने का अभियान एक वर्ष तक चलाने के बाद ही वर्तमान रैयत के नाम जमावन्दी होना संभव होगा। जिला सचिव ने कहा कि इस नियमावली को शिथिल करते हुए जमीन की बिक्री पूर्व के तरह जारी रखने के लिए गांव -गांव में अभियान चलाया जाएगा और 22 अक्टूबर को इस नियमावली के खिलाफ किसान संगठनों का प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर भाकपा(माले) नेता शिवन यादव, माकपा जिला सचिव अविनाश कुमार ठाकुर(मंटू), दिलीप भगत, भाकपा से राजीव कुमार चौधरी, विशनाथ मिश्रा, सुधीर कुमार सहित अन्य लोग शामिल उपस्थित थे।