श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से सविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए के हटाए जाने के सात सप्ताह (49 दिन) बाद भी राज्य में हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सके है। कश्मीर के पुलवामा जिले में प्रदर्शन करने के आरोप में शनिवार को तीन युवकों को हिरासत में लिया गया जो लोगों से हड़ताल करने की आव्हान कर रहे थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है और कानून -व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कई क्षेत्रों में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने से रोकने के लिए धारा 144 लगा रखी है। कश्मीर में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए लगभग सभी क्षेत्रों में स्वचालित हथियारों और डंडों के साथ सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है। अफवाहों को रोकने के लिए पांच अगस्त के बाद से ही घाटी में इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद रखी गयी है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने हालांकि कई स्थानों पर एसटीडी बूथ लगाए है जिसके चलते लोग अपने परिजनों से बातचीत कर पा रहे है। इंटरनेट सेवाओं के काम न करने की वजह से स्थानीय डिजिटल अखबारों, पत्रकारों, छात्रों और अन्य पेशेवरों के ऑनलाइन संस्करण बुरी तरह प्रभावित हुए है। रविवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में पिछले 24 घंटों के दौरान पथरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर अधिकतर स्थानों पर हालात शांतिपूर्ण रहे। शहर ए खास की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे पांच अगस्त से ही बंद रखे गए है।
सुरक्षा बल समय-समय पर जामिया बाजार और जामिया मस्जिद के पास वाले इलाकों में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए गश्त लगा रहे हैं। कश्मीर में 49वें भी सभी दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और शहर एवं बाहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहा। कईं जगहों पर हालांकि दो पहिया वाहन सामान्य रूप से चलते हुए दिखाई दिए। श्रीनगर के नए इलाके समेत सिविल लाइंस में भी अधिकांश दुकानें सुबह छह बजे से नौ बजे खुली लेकिन वे बाद में बंद कर दी गयी। राज्य के कई जिलों और तहसील मुख्यालय समेत अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां और कुपवाड़ा, बांदीपोरा, पाटन, सोपोर, हंदवारा तथा अजस क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां ठप हैं। इसी तरह की रिपोर्टें मध्य कश्मीर के गंदेरबल और बडगाम जिले से भी मिली हैं।