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पांच साल पूरे किये बगैर शिक्षकों का तबादला उचित नहीं : हसला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 17 2019 5:52PM | Updated Date: Aug 17 2019 5:52PM
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हिसार। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर जानबूझकर प्राध्यापकों को परेशान किए जाने का आरोप लगाया है। हसला के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवान दत्त ने आज यहां बताया कि जिन प्राध्यापकों के अगस्त 2016 में तबादले हुए थे उन्हें जुलाई 2019 की तबादला प्रक्रिया में पुन: भाग लेने के लिए बाध्य किया गया है। ऐसे में केवल तीन साल में पुन: तबादले के लिये विवश करना प्राध्यापकों के साथ ज्यादती है जबकि तबादला नीति की मूल भावना यह थी कि शिक्षक एक विद्यालय में पांच साल तक अपनी सेवाएं जरूर देगें।
 
इस विषय पर हाल ही में राज्य सरकार ने हसला को आश्वासन भी दिया था लेकिन शिक्षकों के साथ अब फिर से कथित तौर पर अन्याय किया जा रहा है। दत्त के अनुसार 12-14 साल से एक ही स्थान पर कार्यरत अतिथित प्राध्यापकों को तबादला ड्राइव में शामिल न करना अनुचित प्रतीत होता है। शारीरिक शिक्षा और फाइन आर्ट्स जैसे विषयों को भी तबादला प्रक्रिया से बाहर रखा गया है जो सरासर गलत है। हसला उपाध्यक्ष ने कहा कि हजारों प्राध्यापकों का एमआईएस पोर्टल गलत सूचना दिखा रहा है।
 
जिन्होंने तबादले के लिए हां की थी उनका न रिपीट न आ रहा है तथा जिन्होंने न किया था उनका हां दिखाई दे रहा है। सरकार और शिक्षा विभाग निदेशालय ने गत तीन माह से संदेश की जो असमंजस स्थिति बनाई है उससे सैकड़ों शिक्षक तनाव और अवसाद का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या गुरुओं को पीड़ा देने से भारत विश्व गुरु होगा? हसला ने सरकार से मांग की कि प्राध्यापकों की समस्याओं का निदान करके ही उनके तबादले पर विचार किया जाए। 
 
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