श्रीगंगानगर। राजस्थान के जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिये हुई नहरबंदी के बाद राजस्थान को पूरा पानी मिलेगा। मित्तल ने आज भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद बताया कि नहरबंदी के बाद 21 अप्रैल से बांधों से पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। बांधों का जल स्तर गत वर्षों की तुलना में संतोषजनक है। इसलिए आगे खरीफ सीजन में बिजाई के वक्त सिंचाई पानी की दिक्कत नहीं रहेगी। उन्होने बताया कि बंदी अवधि समाप्त होने के बाद नहरों में जब पानी प्रवाहित किया जाएगा तो पहले सप्ताह तक पेयजल डिग्गियों में पानी का भंडारण किया जाएगा।
इसके बाद नहरों में सिंचाई पानी चलाने को लेकर रेग्यूलेशन तैयार किया जाएगा। मित्तल ने बताया कि बंदी के बाद हरिके हैड से 12 हजार क्यूसेक पानी चलाने की मांग राजस्थान ने की है। इतना पानी देने पर बीबीएमबी सदस्यों ने सहमति प्रदान कर दी है। लिहाजा इंदिरागांधी नहर को चार में से दो समूह में चलाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। इसी तरह भाखड़ा में 1200 तथा गंगनहर 18 क्यूसेक पानी चलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि आज से इंदिरा गांधी नहर में मरम्मत कार्य के चलते एक महीने की पानी की बंदी रहेगी।
इसके तहत कल हरिकै हैड पर पानी की मात्रा घटा दी गई। हरिके हैड पर पानी की मात्रा शून्य कर दी गई है। बंदी समाप्त होने के बाद 21 अप्रैल से हरिके हैड पर पानी प्रवाहित किया जाएगा। 24 अप्रैल तक हरिके हैड पर 12 हजार क्यूसेक पानी चलाने की मांग राजस्थान की तरफ से की गई है। जिससे आगे राजस्थान की नहरों में पेयजलापूर्ति के लिए पानी का भंडारण किया जा सके। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 23-24 अप्रैल के बीच मसीतांवाली हैड पर पानी पहुंच जाएगा। इंदिरा गांधी नहर से हनुमानगढ़ के अलावा श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों को पेयजल मिलता है।