गोल्ड कोस्ट। राष्ट्रमंडल खेलों के शुरू होने से पहले ही भारतीय एथलीटों को लेकर खड़ा हुआ सिरिंज विवाद अब राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) की अदालत पहुंच गया है जहां 'नो नीडल पॉलिसी' के नियम उल्लंघन को लेकर सुनवाई की जाएगी। सीजीएफ के मुख्य कार्यकारी डेविड ग्रेवेम्बर्ग ने मंगलवार सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए कहा - सीजीएफ मेडिकल आयोग ने नियम उल्लंघन के मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। उन्होंने इस मामले को सीजीएफ अदालत को भेज दिया है।
उन्होंने कहा - मामले में सुनवाई के बाद ही आखिरी निर्णय लिया जाएगा। आपको आखिरी सुनवाई होने तक इंतजार करना होगा। हम इस मामले में हर पक्ष की जांच कर रहे हैं। हम यह भी साफ करना चाहते हैं कि इस मामले को हम डोपिंग नियम के बजाय सीजीएफ की 'नो सिरिंज पॉलिसी' की तरह देख रहे हैं। टूर्नामेंट के आयोजक इस नियम को लेकर काफी सख्त हैं।
गोल्ड कोस्ट शहर में चार से 15 अप्रैल तक आयोजित होने वाले 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने गए भारतीय दल के कम्पाउंड में इंजेक्शन सिरिंज मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। इसे डोपिंग से जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन शक के घेरे में आए भारतीय मुक्केबाजों को डोपिंग नियम उल्लंघन के नियमों से बरी कर दिया गया है जिससे भारतीय खेमे को बड़ी राहत मिली है।