नई दिल्ली। भारत ने जलवायु परिवर्तिन संबंधी संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के सीओपी 26 की अध्यक्ष क्लेअर ओ नील के समक्ष कार्बन क्रेडिट और वित्त पोषण का मुद्दा उठाया। इस साल सदस्य देशों की शिखर बैठक (सीओपी26) ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में 09 से 20 नवंबर तक होगी। क्लेअर इसकी अध्यक्ष हैं। सीओपी26 के कार्यकारी समूह के साथ वह विभिन्न देशों के साथ जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा करने वाली हैं जिसकी शुरुआत आज भारत से हुई।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ उन्होंने आज चर्चा की। जावड़ेकर ने उनके समक्ष कार्बन क्रेडिट, वित्त पोषण तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का मुद्दा उठाया। विकसित देशों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए 2020 से पहले वित्त पोषण का जो वायदा किया था उसके अनुरूप उन्होंने विकासशील तथा अविकसित देशों को आर्थिक मदद नहीं दी है। भारत लंबे समय से यह मुद्दा उठा रहा है।
साथ ही जावड़ेकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए विकसित देशों को अपनी प्रौद्योगिकी भी अन्य देशों के साथ साझा करनी चाहिये। जावड़ेकर ने सलाह दी कि श्रीमती क्लेअर को वृहद विषय वस्तु की बजाय एक-एक मुद्दे पर लंबी चर्चा करनी चाहिये ताकि सीओपी 26 में ठोस परिणाम सामने आ सकें।