मैरीकॉम इस साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीती थीं। उन्हें इसी के आधार पर ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स में भेजने की बात चल रही थी। हालांकि, नियमों के मुताबिक वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण या रजत पदक जीतने वाले बॉक्सर को ही ओलंपिक क्वालिफायर में सीधे एंट्री मिलती है. अन्य सभी को ट्रायल मैच खेलना होता है। टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफायर मुकाबले चीन के वुहान में 3 से 14 फरवरी तक खेले जाएंगे।
बैठक मे यह साफ किया गया कि मैरी कॉम ने ट्रायल के लिए कभी भी इनकार नहीं किया, लेकिन अध्यक्ष अजय सिंह की यह निजी राय थी कि विश्व चैम्पियनशिप के प्रदर्शन को देखते हुए पदक विजेताओं का ट्रायल में नहीं भेजा जाए। अजय सिंह के इस बयान के बाद ही निखत जरीन ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ट्रायल के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था, 'मैं बचपन से ही मैरी कॉम से प्रेरित रही हूं। इस प्रेरणा के साथ न्याय करने का सबसे बेहतर तरीका यही हो सकता है कि मैं उनकी तरह एक महान मुक्केबाज बनने की कोशिश करूं। क्या मैरी कॉम खेल की इतनी बड़ी शख्सियत हैं कि उन्हें मुकाबले से दूर रखने की जरूरत है।