मुरादाबाद। कुश्ती खेल का आंखों देखा हाल सुनाने वाले देश के बेहद लोकप्रिय कमेंटेटर पंकज सक्सेना का यहां लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। उनका शुक्रवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। वह 75 वर्ष के थे। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है।
स्वर्णिम आवाज के धनी कुश्ती कमेंटेटर पंकज सक्सेना का गुरूवार को निधन हुआ। शुक्रवार को मुरादाबाद के लालबाग शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर बड़ी तादाद में खेल प्रेमी और जाने माने खिलाड़ी मौजूद थे।
मुरादाबाद के डिप्टीगंज निवासी पंकज सक्सेना अंतरराष्ट्रीय कोच का रूतबा भी हासिल कर चुके थे। वह पावर कारपोरेशन से इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त हुये थे। सक्सेना भारतीय जनता पार्टी के खेल प्रकोष्ठ के पदाधिकारी रहे थे। डबल ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और अर्जुन अवार्डी कृपाशंकर बिश्नोई ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
देश के सर्वश्रेष्ठ कुश्ती कमेंटेटर पंकज सक्सेना के निधन का समाचार सुनकर कुश्ती जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। खास तौर पर कुश्ती से जुड़े प्रशिक्षकों और पहलवानों में उदासी छा गई है। कुश्ती खेल प्रसारण के मामले में पंकज सक्सेना खेल प्रेमियों के लिए जाने माने नाम थे। कुश्ती दंगल का मैदान हो या भारतीय पद्धति की कुश्ती हो या फिर ओलंपिक स्टाइल रेसलिंग के मुकाबले हो हर तरह की प्रतिस्पर्धा में वह बेहतरीन कमेंट्री पेश करते थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेफरी होने के साथ-साथ पंकज सक्सेना देश के विख्यात कमेंटेटर भी थे जिनकी आवाज सुनने कई कुश्ती प्रेमी खेल मैदानों में आते थे । दूरदर्शन और आकाशवाणी के लिए 1987 से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कमेंटरी कर रहे थे। 2010 दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी उन्होंने कुश्ती के सभी मुकाबलों की कमेंटरी की थी।