नई दिल्ली। लीजेंड महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) गुरूवार से रूस के उलान-उदे में शुरू हो रही आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 11वें संस्करण में सातवां विश्व खिताब जीतने के लक्ष्य के साथ उतरेंगी। प्रतियोगिता में चार भारतीय मुक्केबाजों को वरीयता मिला है जबकि पांच मुक्केबाजों को पहले राउंड में बाई मिली है। पांच भारतीय मुक्केबाज इस वर्ष विश्व चैंपियनशिप में अपना पदार्पण करेंगी। विश्व चैंपियनशिप में सभी निगाहें मैरी पर रहेंगी जो प्रतियोगिता में छह स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी हैं। उनकी आखिरी सफलता 48 किग्रा में थी लेकिन वह अब 51 किग्रा में उतर रही हैं। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में 48 किग्रा वर्ग समाप्त किया जा चुका है। मैरी की नजरें 51 किग्रा में भी स्वर्ण पदक जीतने पर लगी होंगी।
इस प्रतियोगिता से अगले साल के लिए ओलम्पिक कोटा नहीं है लेकिन इसमें स्वर्ण और रजत जीतने से मुक्केबाज का अगले वर्ष चीन में होने वाले क्वालीफायर्स में स्थान सुनिश्चित हो जाएगा। मैरी को पहले राउंड में बाई और तीसरी वरीयता मिली है। वह आठ अक्टूबर को अपना अभियान शुरू करेंगी। पूर्व विश्व चैंपियन सरिता देवी को 60 किग्रा में चौथी वरीयता और पहले राउंड में बाई मिली है। लवलीना बोर्गोहैन को 69 किग्रा में तीसरी वरीयता दी गयी है और उन्हें भी पहले राउंड में बाई मिली है। टूर्नामेंट में स्वीटी बूरा (75)की भी कड़ी चुनौती रहेगी जबकि मंजू रानी (48), जमुना बोरो (54), नीरज (57), मंजू बोम्बोरिया (64) और नंदिनी (81) प्रतियोगिता में अपना पदार्पण करेंगी। मंजू रानी को छठी वरीयता मिली है। 81 किग्रा से अधिक के वर्ग में कविता चहल को पदक सुनिश्चित करने के लिए मात्र एक राउंड जीतना होगा क्योंकि इस वर्ग में सिर्फ सात मुक्केबाज ही हैं।