नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में हुई विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेना चाहते थे लेकिन उन्होंने अपने कोच के जोर देने पर इस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। सुशील ने सोमवार को यहां यूनीवार्ता से कहा,‘‘ मुझे ट्रेनिंग किये हुये दो महीने ही हुये थे। मैं विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेना चाहता था लेकिन मेरे कोच ने जोर देकर कहा कि आप हर टूर्नामेंट में हिस्सा लो और मुझे विश्व चैंपियनशिप में उतरना पड़ा।’’
उन्होंने साथ ही कहा,‘‘ मुझे विश्व चैंपियनशिप की तैयारी पिछले साल एशियाई खेलों के साथ ही कर देनी चाहिये थी। मेरी विश्व चैंपियनशिप के लिये शुरूआत ही गलत हुई। मैंने दो महीने की ही ट्रेनिंग की थी जबकि मुझे एशियाई खेलों के बाद से ही यह तैयारी शुरू कर देनी चाहिये थी।’’ ओलंपिक में कांस्य और रजत पदक जीत चुके सुशील को विश्व चैंपियनशिप में अपने 74 किग्रा फ्री स्टाइल वजन वर्ग के क्वालिफिकेशन में ही हार का सामना करना पड़ा था। सुशील ने 2010 की विश्व चैंपियनशिप में मॉस्को में स्वर्ण पदक जीता था और वह उसके नौ साल बाद विश्व प्रतियोगिता में उतरे थे।
अपने पहले राउंड की हार पर सुशील ने कहा,‘‘ मेरा ग्रुप काफी मुश्किल था। इसमें 10 पहलवान ऐसे थे जो किसी भी हरा सकते थे। मेरे ग्रुप में ईरान, क्यूबा, उज्बेकिस्तान, बेलारूस, अमेरिका, तुर्की और अजरबेजान के पहलवान थे। आप के लिये मुकाबलों में बहुत कुछ ग्रुप और ड्रॉ पर निर्भर करता है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ मैंने मुकाबले में 9-4 की बढ़त बना रखी थी लेकिन आखिरी मिनट में वह गलती की जो मुझे नहीं करनी चाहिये थी। मेरा खेल अटैक का है और मैं अंतिम मिनट में डिफेंस पर आ गया। मैं मानता हूं कि मैंने डिफेंस पर आने की गलती की।’’ यह पूछने पर कि अब दिल में क्या चल रहा है, सुशील ने कहा,‘‘ अगले टूर्नामेंट की तैयारी करूंगा जो अगला क्वालिफाइंग टूर्नामेंट होगा।