नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की तरह संघीय संस्थान बनाए जाने की आवश्यकता बताते हुए गुरुवार को कहा कि मरीजों को कल्याण के लिए राजस्व और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यों तथा केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का विलय कर दिया जाना चाहिए।
जेटली ने यहाँ भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 15वें शिखर सम्मेलन में कहा कि स्वास्थ्य एक ऐसा क्षेत्र है जिसके लिए संघीय संस्थान की बहुत जरूरत है। इसके साथ ही राज्यों की योजनाओं और केन्द्रीय संसाधनों का विलय किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि लोगो के कल्याण पर ध्यान केन्द्रित करते हुये राज्यों को केन्द्र के साथ सहयोग से योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे सफलतापूर्वक लागू करने की चुनौतियाँ हैं।