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बैंकों ने मोदी सरकार को धमकी, कहा - ग्राहक को नहीं देंगे कोई भी मुफ्त सेवा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 27 2018 10:55AM | Updated Date: Nov 27 2018 10:56AM
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मुंबई। अब आपको एटीएम से पैसा निकालने या बैंक में पैसा डिपॉजिट कराने और चेकबुक के लिए भी चार्ज देना पड़ेगा। बैंकों ने मोदी सरकार को धमकी दी है कि अगर सरकार ने 40,000 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस वापस नहीं लिया तो वे ग्राहक को कोई भी मुफ्त सेवा नहीं देंगे। यानी आपको बैंक से किसी भी तरह की सेवा के लिए चार्ज देना होगा। अगर बैंकों ने अपनी धमकी पर अमल किया तो इससे आम आदमी के लिए बैंकिंग सेवाएं बहुत महंगी हो जाएंगी।
 
बैंकों ने क्यों दी है धमकी
अप्रैल में डायरेक्टोरेट जनरल आॅफ गुड्स एंड सविस टैक्स डीजी जीएसटी ने बैंकों को फ्री सर्विसेज पर 40,000 करोड़ का सर्विस टैक्स चुकाने का नोटिस दिया था। इस मसने पर वित्त मंत्रालय और बैंकों के बीच बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक इस मसले पर समाधान नहीं हुआ है। वहीं बैंकों का कहनाा है कि अगर उनको फ्री सेवाओं पर सर्विस टैक्स देना पड़ा तो वे कस्टमर को कोई भी फ्री सर्विस नहीं देंगे।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है मामला 
एक रिपोर्ट के मुताबिक अब यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय बैंकों और वित्त मंत्रालय के अधिकाारियों के साथ मिल कर इस मसले का समाधान करने का प्रयास करेगा।
 
बैंकों की इन फ्री सर्विसेज पर पड़ेगा असर
बैंक अधिकाारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनको 40,000 करोड़ रुपए सर्विस टैक्स देने को मजबूर किया गया तो वे सभी फ्री सर्विसेज बंद कर देंगे। इससे ग्राहकों को चेकबुक, एटीएम से पैसा निकालने, बैंक में पैसा जमा कराने और जनधन अकाउंट के लिए भी चार्ज देना होगा।
 
सरकार निकालेगी रास्ता
बैंक अधिकाारियों को उम्मीद है कि सरकार और बैंक मिल कर कोई रास्ता निकालेंगे जिससे आम कस्टमर को बैंकिंग सेवाओं के लिए पैसा न देना पड़े। इस साल जून में सरकार ने साफ किया था कि ऐसे अकाउंट जिनमें मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेन्टेन किया जा रहा है उन पर अगर बैंक फ्री सर्विस देता है तो ऐसी सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। हालांकि सरकार ने सर्विस टैक्स के बारे में कुछ नहीं कहा था।
 
बैंकों की आलोचना हो रही है
मिनिमम अकाउंट बैलेंस चार्ज को लेकर बैंकों की पहले से हो रही है आलोचना। बैंक अकाउंट होल्डर्स से मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेन्टेन न करने पर चार्ज पहले से वसूल रहे हैं। इस मामले को लेकर पहले से ही बैंकों की आलोचना हो रही है। अगर बैंक फ्री सेवाएं देना बंद कर देते हैं तो इससे आम कस्टमर के लिए बैंकिंग सेवाएं बेहद महंगी हो जाएंगी।

 

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