मुंबई। येस बैंक ने पहला अनोखा विलेज एडॉप्शन प्रोग्राम लॉन्च किया है जो, देश भर के 2000 गावों को अपनाकर वचनबद्ध होते हुए भारत का सबसे बड़ा प्रोग्राम है। पहला ‘येस डिजी विलेजस’ हरियाणा के अभिमन्युपुर (पूर्व में अमीन) में लॉन्च हुआ था, जिसमें डिजिटल और वित्तीय साक्षरता सत्रों के माध्यम से 100़ किसानों को सशक्त किया गया था और इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित रहने वाले फोन उपयोगकर्ता और गांव के लोगों के लिए भारत का पहला मोबाइल बैंकिंग समाधान, सिम से पेमेंट का भी परिचय दिया गया था।
बैंक की नॉलेज बैंकिंग फिलोसॉफी को जारी रखते हुए, ‘येस डिजी विलेजस’ प्रोग्राम को एक मजबूत डिजिटल और वित्तीय साक्षरता प्रोग्राम बनाकर तेजी से गुड एग्रीकल्चर प्रेक्टिस (जीएपी) से अवगत कराकर गांव समुदायों और 30,000 किसानों को सशक्त बनाने के लिए विचार किया गया है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा बैंक-संचालित विलेज एडॉप्शन प्रोग्राम बन गया है।
भारत के गावों को अन्य महत्वपूर्ण उत्पादकता मापदंडों के बीच उपलब्ध खेती योग्य भूमि, सिचांई सुविधाएं, फसल का तरीका, क्रेडिट कल्चर के आधार पर ‘येस डिजी विलेजस’ प्रोग्राम के लिए पहचाना जाएगा। इस विकास पर टिप्पणी करते हुए, येस बैंक के ग्रामीण बैंकिंग और लघु मध्यम उद्यम बैंकिंग के समूह अध्यक्ष और समूह प्रमुख सुमित गुप्ता ने कहा, येस बैंक अपने ‘येस डिजी विलेजस’ के माध्यम से 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने के भारत सरकार के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है।
शहरी क्षेत्रों के साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजीटल इकोसिस्टम के विकास और वित्तीय समावेश को बढ़ाने के येस बैंक के प्रयास को जारी रखते हुए, हमने अपने व्यापक ब्रांच नेटवर्क का लाभ उठाने और येस स्केल एग्रीटेक एक्सलेटर के माध्यम से हमारी एग्रीटेक भागीदारी की क्षमता का उपयोग करने की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें। ‘येस डिजी विलेजस’ का लक्ष्य एग्रीटेक और फिनटेक समाधानों की मदद से मौजूदा प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने और आय उत्पत्ति के अधिक नए अवसरों की खोज करने के लिए किसानों को ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना है। इसके लिए, येस बैंक ने उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सहित संपूर्ण राज्यों के 350 से अधिक गावों के किसानों के लिए उसके मौजूदा कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम को भी एकीकृत किया है।