नई दिल्ली। सोयाबीन और सरसों की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली है। कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर सोयाबीन का अक्टूबर वायदा भाव करीब एक फीसदी या 33 रुपए की गिरावट के साथ 3225 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। नवंबर कॉन्ट्रैक्ट का भाव भी 45 रुपए या 1.37 फीसदी की कमजोरी के साथ 3235 रुपए प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रहा था।
इंदौर की हाजिर मंडियों में सोयाबीन का भाव 3000 रुपए प्रति क्विंटल के नीचे फिसल गया है। इसी तरह से एक्सचेंज पर सरसों की कीमतों में कमजोरी देखने को मिली है। एनसीडीईएक्स पर सरसों अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट 37 रुपए या 0.89 फीसदी की गिरावट के साथ 4111 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गया है। हेम सिक्योरिटीज की सीनियर रिसर्च एनॉलिस्ट आस्था जैन के मुताबिक, मंडियों में सोयाबीन की नई फसल की आवक बढ़ रही है, इस वजह से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। आस्था का कहना है कि सोयाबीन में गिरावट से सरसों का वायदा भी कमजोरी दिखा रहा है। आस्था की शार्ट टर्म के लिए सोयाबीन में गिरावट पर खरीदारी की सलाह है।
आस्था की सोयाबीन में नवंबर वायदा 3200-3250 रुपए के स्तर पर खरीदारी की सलाह है। उनका कहना है कि मौजूदा स्तर से 100-150 रुपए की तेजी दिख सकती है। नवरात्रि से शुरू त्योहारी सीजन के चलते दिवाली तक खाने के तेलों की मांग बढ़ने से सोयाबीन और सरसों में तेजी के संकेत हैं। कार्वी कॉमट्रेड के रिसर्च हेड रवि सिंह के मुताबिक सरकार ने आगामी रबी सीजन के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 4000 से 4200 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। इससे सरसों को सपोर्ट मिलने का अनुमान है।
रवि की सरसों नवंबर वायदा में 4150-4170 के भाव पर खरीदारी की सलाह है। उनका कहना है कि दिवाली के आसपास नवंबर कॉन्ट्रैक्ट 4300 से 4350 रुपए प्रति क्विंटल का स्तर दिखा सकता है। आनंदराठी कमोडिटी एवं एडवाइजरी के कमोडिटी रिसर्च हेड रविंद्र राव के मुताबिक चीन से सोयामील की मांग बढ़ सकती है। चीन, भारतीय सोयामील का आयात खोलने पर विचार कर रहा है क्योंकि चीन के साथ अमेरिका का ट्रेड वॉर बढ़ा है। चीन से निर्यात मांग आने से सोयामील की अतिरिक्त मांग बढ़ेगी।